पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामले में सीबीआई ने हरियाणा सरकार को राहत दी है. सीबीआई की विशेष अदालत ने हरियाणा सरकार को डेरा प्रमुख राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेश करने का निर्देश दिया है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने हरियाणा सरकार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डेरा प्रमुख की याचिका पर सुनवाई की. 21 नवंबर 2002 में पत्रकार छत्रपति की हत्या मामले में कोर्ट 11 जनवरी को फैसला सुनाएगा. दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने के मामले में रोहतक के सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा राम रहीम पत्रकार हत्या मामले का मुख्य आरोपी है.
अक्टूबर 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को कथित रूप से राम रहीम के अनुयायियों द्वारा गोली मारी गई थी. अस्पताल में करीब एक महीने तक जूझने के बाद 21 नवंबर 2002 को उनकी मृत्यु हो गई थी. छत्रपति ने ही राम रहीम के आश्रम में साध्वियों के साथ हो रहे गलत कामों को लेकर अपने अखबार 'पूरा सच' में मोर्चा खोला था. इसी दौरान उन्होंने डेरा में हो रहे यौन शोषण के खिलाफ एक साध्वी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखे गए पत्र को अपने अखबार में प्रकाशित किया था.
उनकी हत्या के खिलाफ 2003 में मामला दर्ज किया गया था. बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था. रोहतक के डीएसपी ताहिर हुसैन ने कहा, 'राज्य में कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम कर दिए है. हमने 4 अधिक पुलिस पोस्ट बनाए गए हैं, जेल के आसपास 5 पैट्रोलिंग पार्टी, पीसीआर और 3 अन्य इंस्पेक्टर को ड्यूटी पर लगाया गया है.'
बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को रेप केस में 25 अगस्त 2017 को दोषी ठहराया था. राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सश्रम सजा दी गई है और उन पर 30 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया। सजा सुनाए जाने पर हरियाणा के पंचकूला और सिरसा में हिंसा भड़क उठी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 260 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। हिंसा की छिटफुट घटनाएं दिल्ली और पंजाब में भी हुई थीं।
Source : News Nation Bureau