पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सज़ा हुई है. पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने सज़ा सुनाई. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को अक्टूबर 2002 में गोली मारी गई थी. छत्रपति की अस्पताल में कई दिनों तक इलाज के बाद नवंबर में मौत हो गई थी. गुरुवार को डेरा प्रमुख सहित सभी चार लोगों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई. इसके साथ ही 50,000 का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले पर रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल ने कोर्ट के फैसले पर ख़ुशी जताई. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'सच्चाई की जीत हुई है, मैं आज राहत महसूस कर रहा हूं. अभियोजन पक्ष ने मृत्युदंड की मांग की थी लेकिन हम सजा से संतुष्ट हैं.' बता दें कि मारे गए पत्रकार के परिवार ने दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की थी.
Journalist Ramchandra Chhatarpati's son on court pronouncing quantum of sentence to Gurmeet Ram Rahim Singh: This is the triumph of truth, I feel relieved today. Prosecution had demanded capital punishment but we're satisfied with the punishment. pic.twitter.com/Uc8rDFZsyU
— ANI (@ANI) January 17, 2019
17 साल पहले हुई पत्रकार की हत्या मामले में सीबीआई के जज जगदीप सिंह ने 11 जनवरी को डेरा प्रमुख को दोषी ठहराया था. राम रहीम और अन्य तीन दोषी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश हुए थे. चारों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया जा चुका है. निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को शस्त्र कानून के तहत भी दोषी ठहराया गया है. अदालत ने पत्रकार की हत्या के मामले में सजा सुनाए जाते समय राम रहीम और तीन अन्य की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेशी संबंधी हरियाणा सरकार की याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली थी.
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राज्य सरकार ने मंगलवार को एक याचिका दायर कर कहा था कि डेरा प्रमुख की आवाजाही के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. राम रहीम इस वक्त रोहतक के सुनरिया जेल में बंद हैं और साध्वी से बलात्कार केस में फैसला सुनाए जाने के बाद 20 साल की सज़ा काट रहा है. अक्टूबर 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को कथित रूप से राम रहीम के अनुयायियों द्वारा गोली मारी गई थी. अस्पताल में करीब एक महीने तक जूझने के बाद 21 नवंबर 2002 को उनकी मृत्यु हो गई थी. छत्रपति ने ही राम रहीम के आश्रम में साध्वियों के साथ हो रहे गलत कामों को लेकर अपने अखबार 'पूरा सच' में मोर्चा खोला था. इसी दौरान उन्होंने डेरा में हो रहे यौन शोषण के खिलाफ एक साध्वी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखे गए पत्र को अपने अखबार में प्रकाशित किया था.
2003 में पत्रकार हत्याकांड का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले को बाद में सीबीआई को सौंप दिया गया था जिसने जुलाई 2007 में आरोप पत्र दायर किया था.
Source : News Nation Bureau