पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. 26 अक्टूबर को दोनों पक्षों की ओर से सजा पर बहस होगी.
बता दें कि 15 साल बाद सजा पर फैसला आया है. 30 सितंबर, 2008 को सौम्या अपनी कार में मृत पाई गई थीं. चलती कार में सौम्या को गोली मारी गई थी. साकेत कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और 18 अक्टूबर को अदालत ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है. सौम्या 30 सितंबर, 2008 को जब रात साढ़े तीन बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं, तब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी.
सौम्या की हत्या के मामले में पांच लोगों को दोषी पाया गया है. इसमें रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार , बलजीत मलिक और अजय सेठी शामिल हैं. ये सभी आरोपी मार्च, 2009 से न्यायिक हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर मकोका लगाया था.
30 सितंबर 2008 की वह काली रात जब घर नहीं पहुंचीं सौम्या
दरअसल, 30 सितंबर 2008 की वह काली रात थी, जब सौम्या अपने ऑफिस से पूरा काम निपटाकर सुबह 3: 30 बजे घर के निकली थी, लेकिन दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर पत्रकार सौम्या को गोली मार दी गई. वो खून से लथपथ अपनी कार में थी. जबकि घर पर उनके माता-पिता बेटी का इंतजार कर रहे थे. जब वह घर नहीं पहुंची तो पिता ने दफ्तर में कॉल किया. वहां से सूचना मिली की वह घर के लिए निकल चुकी है, लेकिन वह घर नहीं पहुंची. थोड़ी देर बाद सुबह होते ही परिवार को पता चला कि उनकी बेटी का शव कार में पड़ा है. सौम्या के माता-पिता 15 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे थे. अब जाकर उन्हें इंसाफ मिला है.
Source : News Nation Bureau