भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ताल कटोरा स्टेडियम में अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए कहा, जब एक विचारधारा को लेकर हमारी पार्टी की शुरुआत हुई, तब से ही हम ये बात कहते रहे हैं कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो संविधान नहीं चलेंगे. लेकिन ये दिन कब देखने को मिलेगा इसका अंदाजा किसी को नहीं था. आज हमने वो दिन देख लिया है. अब देश में एक विधान, एक प्रधान और एक संविधान की व्यवस्था है. मोदी जी की इच्छा शक्ति और श्री अमित शाह जी के रणनीतिक कौशल के कारण ही धारा 370 संसद में धराशायी हो पाई.
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस के नेता कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बारे में जो स्पेशल स्टेटस की बात करते हैं, वो देश को गुमराह करते हैं. संविधान में स्पष्ट लिखा है कि अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान है. ये स्पेशल स्टेटस नहीं था. जम्मू कश्मीर के पहले विधानसभा चुनाव में धांधली के बाद ही साल 1951 में अनुच्छेद 370 को लेकर विरोध शुरु हो गया था. करीब 15,000 लोगों ने गिरफ्तारी दी, लगभग 18 लोग मारे गए, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी इस आंदोलन में बलिदान हुए.
अनुच्छेद 370 के कारण कोई भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकता था. कोई भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में नौकरी नहीं कर सकता था. भारत की संसद से पास हुए कानून जम्मू-कश्मीर में नहीं लगेंगे जब तक कि वहां की विधानसभा पारित न कर दे. पश्चिमी पाकिस्तान से कई लोग भारत आए, उनमें से डॉ. इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री और श्री लाल कृष्ण आडवाणी उप प्रधानमंत्री बने. लेकिन कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में बसा तो अनुच्छेद 370 के कारण वो वहां न चुनाव लड़ सकता था, न वोट दे सकता था.
अनुच्छेद 370 के हटने से पूरा जम्मू कश्मीर खुश है. वहां के बाल्मिकी समाज के बच्चे अब प्रशासनिक सेवाओं, न्यायिक सेवाओं में भी नौकरी कर सकेंगे, जो अब तक वहां सिर्फ सफाई कर्मचारी की नौकरी कर सकते थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो