JRD Tata : जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. पूरी दुनिया में वे जेआरडी टाटा (JED TATA) के नाम से प्रसिद्ध हैं. दर्शकों तक टाटा ग्रुप के निदेशक रहे उद्योगपति जेआरडी टाटा ने भारत में पहली कमर्शियल एयरलाइन की नींव रखी थी. साथ ही उन्होंने ही देश में इस्पात, इंजीनियरिंग समेत कई उद्योगधंधों का विकास किया था. उन्हें पद्म विभूषण और भारत रत्न भी मिल चुका है. आइये 5 प्वाइंट्स जानते हैं जेआरडी टाटा का सफरनामा.
1. पेरिस में 29 जुलाई 1904 को जेआरडी टाटा का जन्म हुआ था. उनके पिता नाम रतनजी दादाभाई टाटा और माता सुजैन ब्रियरे हैं. उनकी माता फ्रांसीसी थी, इसलिए उनके बचपन का अधिकांश समय फ्रांस में बीता था. उनके पिता रतनजी और जमशेदजी टाटा चचेरे भाई थे.
2. जेआरडी टाटा ने साल 1925 में टाटा एंड संस में बतौर इंटर्न कार्य शुरू किया और अपनी कड़ी मेहनत-लगन एवं दूरदृष्टि की वजह से साल 1938 में अध्यक्ष बन गए. उन्होंने 14 उद्योगों के साथ टाटा समूह का कार्यभार संभाला था और जब उन्होंने 26 जुलाई 1988 को अध्यक्ष पद छोड़ा तब तक ये 95 उद्योगों की एक विशाल कंपनी बन गई थी.
3. जेआरडी टाटा करीब 5 दशक से ज्यादा वक्त तक सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी रहे और देश के लिए कई संस्थाओं की शुरुआत की. इसके ही नेतृत्व में साल 1945 में टाटा मोटर्स और साल 1948 में एयर इंडिया इंटरनेशनल की स्थापना हुई थी.
4. जेआरडी टाटा ने अपने कार्यचारियों के हितों को ध्यान में रखकर कई लाभकारी नीतियां बनाई थीं. उन्होंने ही कंपनी में श्रमिकों की भागीदारी और जानकारी के लिए कंपनी प्रबंधन के साथ कर्मचारियों का संपर्क प्रोग्राम शुरू किया था. साथ ही टाटा ग्रुप ने कर्मचारियों के लिए रोजाना 8 घंटे वर्क, फ्री चिकित्सा सुविधा और कर्मियों की दुर्घटना क्षतिपूर्ति जैसी योजनाएं लागू की थीं.
5. इंडियन एयरफोर्स ने ग्रुप कैप्टन के मानद पद से जेआरडी टाटा को सम्मानित किया था और फिर एयर वाइस मार्शल की उपाधि दी. वहीं, भारत सरकार ने पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित किया.
Source : News Nation Bureau