जज लोया डेथ केस: वकील ने कहा, रिकॉर्ड में नहीं है बीमारी की जानकारी

याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह किसी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है कि जज लोया का किस बीमारी का ट्रीटमेंट चल रहा था।

author-image
Narendra Hazari
एडिट
New Update
जज लोया डेथ केस: वकील ने कहा, रिकॉर्ड में नहीं है बीमारी की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट (फाइल)

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जज बीएच लोया की कथित तौर पर रहस्यमय मौत पर सुनवाई हुई है। याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह किसी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है कि जज लोया का किस बीमारी का ट्रीटमेंट चल रहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में की अगली सुनवाई 9 फरवरी तक टाल दी है।

बता दें कि इससे पहले यह सुनवाई शुक्रवार को हुई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई सोमवार तक टाल दी थी।

शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे की दलील देते हुए कहा था कि अगर ये मान भी लिया जाए कि सीबीआई जज लोया की मौत नेचुरल है, तब भी एक स्वतंत्र जांच कराने से राज्य सरकार को दिक्कत क्या है?

उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को भी संदिग्ध बताते हुए कहा था कि खुद सरकार की रिपोर्ट में कई विरोधाभास हैं। उन्होंने इस मामले की जांच की अपील की।

और पढ़ें: जज लोया मौत मामला में पूरी नहीं हुई बहस, 5 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

दवे ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वो इस मामले में बहस पूरी होने का निर्देश दे ताकि उन्हें जवाब देने के लिए वक़्त मिल सके। दुष्यंत दवे ने कहा कि जज लोया की मौत के वक्त कोई दूसरा जज साथ नहीं था। दवे की इन दलीलों पर राज्य सरकार की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने एतराज किया था।

जिरह के दौरान दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया जिसमे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस का ट्रायल महारास्ट्र में करने का निर्देश दिया गया था।

दवे ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ साफ मनाही के बावजूद इस मामले में जज का ट्रांसफर हुआ।

दवे ने अमित शाह का जिक्र करते हुए कहा था कि इस केस ( सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से) जुड़े 1000 से ज़्यादा पेज थे लेकिन नए जज ने इतनी जल्दबाजी दिखाई कि 30 दिसंबर 2014 को ही अमित शाह को आरोप मुक्त कर दिया।

और पढ़ें: जज लोया मौत केस में याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

इसके बाद तीन साल गुजरने के बाद भी सीबीआई ने अमित शाह को आरोप मुक्त किये जाने के इस फैसले को चुनौती नहीं दी है।

दवे की ओर से अमित शाह का नाम लिए जाने पर रोहतगी ने कहा कि दवे को इस मामले में अप्रासंगिक तथ्यों को उठाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

आपको बता दें कि लोया की 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे।

और पढ़ें: अमित शाह का जिक्र होने पर वकीलों के बीच तीखी बहस, जानें SC ने क्या कहा

Source : News Nation Bureau

Supreme Court death Judge Hearing Death case judge loya Judge B H loya
Advertisment
Advertisment
Advertisment