चारा घोटाला के चौथे मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला टाल दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र पर गुरुवार को फैसला आना था।
लालू यादव फिलहाल रांची की जेल में बंद हैं। इस मामले में कोर्ट ने 5 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी और उसने 15 मार्च तक के लिए फ़ैसले को सुरक्षित रखा लिया था।
हालांकि कोर्ट ने दुमका कोषागार (RC 38A/96) में 3.13 करोड़ के फर्जीवाड़े से संबंधित मामले में फैसला सुनाने के लिये कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।
लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े 3 मामलों में पांच साल, तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई जा चुकी है, उन पर 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगा है।
सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह ने फैसला सुनाए जाने को फिलहाल टाल दिया। क्योंकि लालू यादव के वकील ने बुधवार को 319सीआरपीसी के तहत याचिका दायर कर मांग की कि 1990 में तत्कालीन एजी समेत तीन अधिकारियों को भी इस मामले में पार्टी बनाया जाए।
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लालू के वकील ने कहा कि उन्होंने इस याचिका को दोबारा दाखिल किया है क्योंकि इसमें कुछ टाइपिंग की गलतियां थीं।
वकील ने बताया कि इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी और उसके बाद फैसला लिया जाएगा।
इस मामले में लालू और मिश्र के अलावा 29 आरोपी हैं जिसमें दुमका ट्रेज़री के एक पूर्व आईएएस अधिकारी, एएचडी आधिकारी भी शामिल हैं।
उस दौरान पैसे के आवंटन की सीमा अधिकतम एक लाख 50 हजार ही थी और लालू राज्य के मुख्यमंत्री थे।
लालू को चार घोटाले के पहले मामले में साल 2013 में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी।
इस घोटाले के दूसरे मामले में लालू को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। तीसरे मामले में उन्हें चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के लिए 24 जनवरी को दोषी ठहराया गया था और पांच साल की सजा दी गई।
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Source : News Nation Bureau