भारतीय न्यायपालिका को लेकर गुरुवार को पीएम मोदी बनाम कांग्रेस के बीच नई जुबानी जंग देखने को मिली. दरअसल देश भर के सैकड़ों वकीलों द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को "निहित स्वार्थ समूह" (vested interest group) द्वारा न्यायपालिका पर दबाव बनाने और अदालतों को बदनाम करने की कोशिश के मद्देनजर एक पत्र लिखा गया था, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि, दूसरों को डराना और धमकाना 'पुरानी कांग्रेस संस्कृति' है, जिसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर "लोकतंत्र के साथ छेड़छाड़" करने और संस्थानों को "धमकाने" का आरोप लगाया.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि, दूसरों को डराना और धमकाना पुरानी कांग्रेस संस्कृति है. 5 दशक पहले ही उन्होंने "प्रतिबद्ध न्यायपालिका" का आह्वान किया था. मोदी ने कहा कि, कांग्रेस बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहती है, मगर खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, कोई आश्चर्य नहीं है कि, 140 करोड़ भारतीय कांग्रेस को खारिज कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी की 'पुरानी कांग्रेस संस्कृति' वाली टिप्पणी का जवाब देते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए मोदी सरकार के शासन में न्यायपालिका में संकट को उजागर करते हुए तीन बिंदुओं लिखें. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठतम न्यायाधीशों को एक अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने, साथ ही साथ 'लोकतंत्र के विनाश' के खिलाफ चेतावनी देने वाले वाक्ये का भी जिक्र किया.
Source : News Nation Bureau