Advertisment

CJI रंजन गोगोई के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी में अब शामिल हुईं ये जज

जानी-मानी वकील और पूर्व एएसजी इंदिरा जय सिंह ने इस बीच ये कहा है कि इस मामले की ठीक से जांच होनी चाहिए और देखना चाहिए कि साज़िश की बात करने वाला वकील कौन है.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
CJI रंजन गोगोई के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी में अब शामिल हुईं ये जज
Advertisment

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के लिए बनी जांच कमेटी में जस्टिस इंदु मल्होत्रा (Justice Indu Malhotra) को पैनल में शामिल किया गया है. वो जस्टिस रमना के इस पैनल से अलग होने के बाद पैनल के तीसरी सदस्य के रूप में शामिल हुईं हैं. इसके साथ ही अब CJI के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट इन हाउस जांच पैनल में दो महिला जज शामिल हो गईं हैं. आपको बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों (Sexual Harassment Allegations) की आंतरिक जांच के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे (Justice SA Bobde) की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी.

जस्टिस बोबडे (Justice SA Bobde) के साथ इस कमेटी में शीर्ष न्यायालय के दो जजों न्यायमूर्ति एनवी रमना (Justice NV Ramana) और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी (Justice Indira Benarjee) शामिल थीं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन शोषण के आरोप की जांच के लिए बने पैनल से जस्टिस रमना पीड़ित महिला की आपत्ति के बाद अलग हो गए. महिला का कहना था कि जस्टिस रमना चीफ जस्टिस के बहुत करीबी हैं.

दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ किसी साजिश के होने की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक (AK Patnayak) को सौंप दी है. इस जांच में आईबी (IB), सीबीआई (CBI) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अफसर उनके साथ जांच में सहयोग करेंगे. जस्टिस पटनायक अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेंगे, हालांकि इसकी समय सीमा तय नहीं है. यहां ये बात भी साफ कर दी गई है कि जस्टिस पटनायक की जांच के दायरे में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप का मामला नहीं होगा. जानी-मानी वकील और पूर्व एएसजी इंदिरा जय सिंह ने इस बीच ये कहा है कि इस मामले की ठीक से जांच होनी चाहिए और देखना चाहिए कि साज़िश की बात करने वाला वकील कौन है. उन्होंने ये भी याद दिलाया है कि ऐसे आरोप के बीच चीफ जस्टिस को खुद को प्रशासकीय कामकाज से अलग कर लेना चाहिए.

इस बीच चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को एक सिरे से नकार दिया है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए'. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि न्यायपालिका खतरे में है. अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए. सीजेआई ने कहा कि क्या चीफ जस्टिस के 20 सालों के कार्यकाल का यह ईनाम है? 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं. कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है.

सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह 4 दिन जेल में थी. महिला ने किसी शख्स को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और पैसे लिये थे. आपको बता दें कि सीजेआई पर आरोप लगने वाली महिला उच्चतम न्यायालय की पूर्व कर्मचारी है. उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर महिला के शपथपत्रों की प्रतियां भेजी गईं जो शनिवार को सार्वजनिक हो गईं. इसके बाद मामले में विशेष सुनवाई हुई. पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना शामिल थे.

Source : News Nation Bureau

delhi-police cbi IB sexual harassment allegations Justice SA Bobde CJI Ranjan Gogoi Justice Indira Benarjee AK Patnayak
Advertisment
Advertisment