एम नागेश्वर राव की CBI के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई से अब जस्टिस एनवी रमन्ना ने भी खुद को अलग कर लिया है. इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एके सीकरी भी इस केस की सुनवाई से खुद को अलग कर चुके हैं. अब जस्टिस रमन्ना के इस मामले की सुनवाई से अलग होने के बाद मामला दूसरी बेंच के सामने लगेगा. एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ एनजीओ कॉमन कॉज ने याचिका दाखिल की थी.
जस्टिस एके सीकरी को पिछली बार हाई पावर कमेटी के सदस्य के तौर पर आलोक वर्मा के बारे में फैसला लेने के लिए चीफ जस्टिस ने नामित किया था. उनके और प्रधानमंत्री के एकमत होने के चलते आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटना पड़ा था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. जस्टिस एके सीकरी के बार-बार सुनने के अनुरोध पर जस्टिस सीकरी ने सुनवाई से इंकार करते हुए कहा- याचिका में सवाल अहम है. काश! मैं इस पर सुनवाई कर पाता, लेकिन 'कुछ वजहों' से मैं खुद को सुनवाई से अलग कर रहा हूं.
इससे पहले सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई टल गई थी. सोमवार को मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की कोर्ट में लगा था लेकिन उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- चूंकि वो सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति करने वाली चयन समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे, लिहाजा वो इस पर सुनवाई नहीं करेंगे. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के लिए मामला जस्टिस ए के सीकरी की बेंच के सामने भेज दिया था.
Source : Arvind Singh