सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति जस्टिस रंजन गोगोई आज देश के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जस्टिस गोगोई को राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई. भारत के 46वें प्रधान न्यायधीश जस्टिस गोगोई अगले साल 17 नवंबर तक कार्यकाल होगा. जस्टिस रंजन गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले न्यायाधीश है. जस्टिस गोगोई असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के पुत्र हैं.
उनके नाम की सिफारिश वर्तमान चीफ जस्टिस मिश्रा ने की है जो 2 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति हो गए. साल 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट से वकालत शुरू करने वाले जस्टिस गोगोई 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बने थे. साल2012 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था और इसके बाद वे चुनाव सुधार से लेकर आरक्षण सुधार तक के कई अहम फैसलों में शामिल रहे हैं.
अहम फैसले
1. जाटों को केंद्रीय सेवाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दायरे से बाहर करने वाली पीठ में थे शामिल
2. असम में घुसपैठियों की पहचान के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) बनाने का दिया निर्णय
3. सौम्या मर्डर मामले में ब्लॉग लिखने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू को अदालत में किया था तलब
4. जेएनयू छात्रनेता कन्हैया कुमार के मामले में SIT गठन से किया था इनकार
5. कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन को छह महीने की कैद की सजा देने वाली पीठ में थे शामिल
6. लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा व विधान परिषद चुनावों के उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व चल रहे मुकदमों का ब्योरा देने का आदेश देने वाली पीठ में थे शामिल
7. अनुसूचित जाति के एक आदमी को दूसरे राज्य में आरक्षण कोटे का लाभ नहीं दिए जाने का निर्णय सुनाया
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने की थी प्रेस कांफ्रेंस
शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम तीन न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे.चेलमेश्वर, मदन बी.लोकुर व कुरियन जोसेफ के साथ न्यायमूर्ति गोगोई ने जनवरी में अप्रत्याशित रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा द्वारा न्यायाधीशों को मामलों के आवंटन पर सवाल उठाया था।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ। वह एक वकील के रूप में 1978 में पंजीकृत हुए। उन्होंने गुवाहाटी उच्च न्यायालय में संवैधानिक, कर और कंपनी मामलों में वकील की भूमिका निभाई।
उन्हें 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्हें 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।