दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा है कि दीपावली मनाने के दूसरे तरीके भी हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के लगाए गए प्रतिबंध में संशोधन करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट से पटाखा विक्रेताओं ने अपील की थी कि पटाखों की बिक्री में कुछ घंटों की ढील दी जाए।
जस्टिस सीकरी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित दीपवाली मिलन समारोह में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने ही पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिये हैं।
उन्होंने कहा, 'दीपवाली मनाने के और भी तरीके हैं, और इसके लिये पटाखे छोड़ना ही एकमात्र तरीका नहीं है। कुछ लोग इस फैसले (बिक्री पर रोक) को लेकर बुरा महसूस कर सकते है, लेकिन मेरा मानना है कि दीपावली मनाने के और भी तरीके हैं, हम लोग मिलते है, गिफ्ट बांटते हैं...ये भी तरीका है।'
उन्होंने कहा कि इस समारोह के जरिए हमने साबित किया है कि दीपावाली मनाने के और भी तरीके है, और पटाखे छोडना ही एकमात्र तरीका नहीं है।
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जस्टिस सीकरी ने इज़रायल के चीफ जस्टिस के बयान को दोहराते हुए कहा कि जज के दो मुख्य दायित्व होते है। पहला कानून और संविधान की रक्षा करना और दूसरा कानून और समाज के बीच के गैप को खत्म करना और ये फैसला ( बिक्री पर रोक का ) भी इसी को ध्यान मे रखकर दिया गया है।
गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि लोगों के पास पहले से ही काफी पटाखे हैं। इसमें अब और वक्त नहीं दिया जा सकता। याचिकाकर्ता चाहें तो दिवाली के बाद संशोधन के लिए अपील कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने अखबार में पढ़ा है कि अभी भी आदेश के बावजूद पटाखे बिक रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau