कांग्रेस (Congress) में नई और पुरानी पीढ़ी के बीच मचा घमासान मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की बलि लेने के बाद अब राजस्थान में एक नए संकट की ओर इशारा कर रहा है. शनिवार से सूबे में जोर पकड़ रहे सियासी तूफान के बीच डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की चौखट पर दस्तक दे दी है. पता चला है कि उनके साथ समर्थक विधायकों का एक दल भी है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और सचिन पायलट की यारी ने कांग्रेस आलाकमान की पेशानी पर भी बल ला दिए हैं. वैसे भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) शनिवार को बीजेपी पर सरकार गिराने की ताना-बाना बुनने का आरोप लगा चुके हैं.
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कांग्रेस की आंतरिक कलह चौड़ी कर रही दरार
गौरतलब है बीते साल मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव के वक्त सिंधिया और पायलट दोनों ही मुख्यमंत्री पद के सशक्त दावेदार थे, लेकिन बाजी हाथ लगी थी कमलनाथ और गहलोत के नाम. राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा रह चुके सिंधिया और पायलट एक-दूसरे के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं. जब एमपी में सिंधिया ने पार्टी से बगावत कर कमलनाथ सरकार को गिराया था, तब सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें खूब लगी थीं कि कहीं पायलट भी दोस्त सिंधिया की राह न पकड़ लें.
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अशोक गहलोत से खफा हैं पायलट
इन कयासों को शनिवार को अशोक गहलोत द्वारा बुलाई बैठक में सचिन पायलट की गैरमौजूदगी से और बल मिला है. सचिन पायलट विगत दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. ऐसे में उनके पास तो बैठक से गैरहाजिर रहने का वाजिब कारण है. हालांकि बताते हैं कि इस बैठक से पायलट समर्थक विधायकों औऱ मंत्रियों ने भी दूरी बनाए रखी थी. यह बैठक उस वक्त बुलाई गई थी, जब विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच राजस्थान पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप ने बड़ी कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया है. इस मामले से भी सचिन पायलट खफा है, क्योंकि इस प्रकरण में सीधी अंगुली उनकी तरफ ही उठ रही है.
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पायलट ने कांग्रेस प्रमुख से मिलने का समय मांगा
पता चला है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है. सूत्रों ने बताया कि पायलट के खेमे के करीब एक दर्जन विधायक एनसीआर-दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर ठहरे हुए हैं. पायलट शनिवार को दिल्ली आए थे. सूत्रों के अनुसार, पायलट खेमे के सदस्य माने जाने वाले विधायक पी. आर. मीणा ने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा उनसे किए जाने वाले सौतेले व्यवहार से सोनिया गांधी को अवगत कराने के लिए उनसे मिलने की मांग की थी.
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अशोक गहलोत को सौंपा समर्थन पत्र
इसी बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार देर रात जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई. देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई विधायकों और मंत्रियों ने समर्थन पत्र सौंपे और गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया. देर रात राजस्थान की सीमा भी सील कर दी गई है. बिना पास राजस्थान से बाहर जाने की इजाजत नहीं है. हालांकि सरकार ने कोरोना संक्रमण को सीमा सील करने की वजह बताया, लेकिन माना जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को देख विधायको के बाहर जाने की आशंका में फैसला किया गया है. हालांकि पायलट खेमे के मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा पायलट ने.
- ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से सचिन को लेकर लग रही अटकलें.
- अशोक गहलोत से बढ़ती दूरियों के बीच सचिन पायलट बीजेपी से बढ़ा रहे नजदीकियां.