मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए एक तरफ कांग्रेस सहित 18 विपक्षी दल लामबंद हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी पार्टियों को साथ लेकर चलने के लिए तीसरे मोर्चे की भी कवायद शुरु हो गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसी क्रम में 19 मार्च को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात करेंगी।
बता दें कि ममता बनर्जी ने इससे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख चंद्रशेखर से बात कर कहा था कि अगर कोई सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ लाना चाहती है तो वह भी साथ देने को तैयार हैं।
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने के संकेत देते हुए कहा कि मैं राष्ट्रीय राजनीति में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं क्योंकि देश की राजनीतिक ढांचे को बदलना है। उन्होंने घोषणा की थी कि वह एक राजनीतिक मोर्चे के नेतृत्व का दायित्व उठाने के लिए तैयार हैं।
जिसके बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी तेलांगना के मुख्यमंत्री का समर्थन किया।
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वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी केसीआर को फोन कर उन्हें समर्थन दिया था। उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में मुख्य भूमिका निभाने के लिए केसीआर के फैसले का स्वागत किया।
बता दें कि हाल ही में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी राजनीतिक दलों को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट करने के मकसद से डिनर का कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम में करीब अलग-अलग 18 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की थी।
इस कार्यक्रम में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, जेडीए नेता उपेंद्र रेड्डी, आरएसपी नेता प्रेम चंदन, जेवीएम नेता बाबू लाल मरांडी, सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम, सीपीआई नेता डी राजा और डीएमके से कनिमोझी, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी शामिल हुए थे।
वहीं समाजवादी पार्टी के तरफ से रामगोपाल यादव और एनसीपी नेता शरद पवार, तारिक अनवर, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, आरएलडी नेता अजित सिंह, बीएसपी से सतीश मिश्रा, जेवीएम से बाबूलाम मरांडी और आरएसपी से रामचंद शामिल हुए।
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Source : News Nation Bureau