नेपाल में भारतीय दूतावास ने रविवार को कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले कई तीर्थयात्रियों के फंसे होने की सूचना दी है। दूतावास ने बताया कि नेपाल में खराब मौसम की वजह से लगभग 200 यात्री फंसे हुए है। दूतावास ने बताया कि सभी तीर्थयात्री सुरक्षित हैं और संपर्क में हैं।
दूतावास ने अपने बयान में कहा, '4 अगस्त की शाम को हमारे मुख्यालय से पता चला कि 124 तीर्थयात्री सिमिकोट और 50 हिल्सा में फंसे हुए हैं।'
भारतीय दूतावास ने बताया कि सिमिकोट में 500 श्रद्धालुओं के रुकने के साथ प्रारंभिक चिकित्सा की भी व्यवस्था है। ऐसे में डरने की कोई जरूरत नहीं है।
भारतीय दूतावास की ओर से बयान आया है कि हम लगातार तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के संपर्क में है। हालात काबू में हैं और मौसम साफ होते ही उन तीर्थयात्रियों को रवाना कर दिया जाएगा।
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दूतावास ने आगे कहा, 'सिमिकोट, हिल्सा, नेपालगंज में मिशन के प्रतिनिधि अलर्ट पर हैं और लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। किसी भी इमरजेंसी हालात में, मिशन फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में मदद करेंगे।'
दूतावास के अधिकारियों ने 2 जुलाई को एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष और राजदूत का हेल्प लाइन नंबर जारी किया था जिससे फंसे हुए तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की पूछताछ के लिए मदद मिल सके। भाषा बाधाओं से बचने के लिए आठ लोगों को तैनात किया गया है जो (हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम) भाषाओं में बातचीत कर सकते हैं।
आपको बता दें कि हजारों भारतीय तीर्थयात्री हर साल मानसून सीजन में चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में नेपाल से होते हुए यात्रा के लिए जाते हैं।
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Source : News Nation Bureau