नवरात्र के आठवें दिन कालरात्रि देवी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। मां का ये स्वरूप डर का नाश करने वाला है।
ऐसा है मां का स्वरूप
मां कालरात्रि के शरीर का रंग काला है। उनके गले में नरमुंड की माला है। देवी कालरात्रि के तीन नेत्र हैं और चार हाथ हैं। वे गर्दभ (गधे) की सवारी करती हैं।
ऐसे करें पूजा
नैवेद्य में गाय का घी जलाएं और गुड़ अर्पण करें। मान्यता है कि कालरात्रि देवी की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है। वहीं, विपत्तियां भी दूर होती हैं।
देवी कालरात्रि की अराधना का मंत्र
"ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।।"
बीज मंत्र
"ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।"
Source : News Nation Bureau