मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया. प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारों की रेस में कमलनाथ के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने राज्य की कमान कमलनाथ के हाथों में सौंपना ज्यादा पसंद किया. 13 दिसंबर को भोपाल में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ के नाम पर मुहर लगा दी गई.
कमलनाथ ने बताया 13 दिसंबर का महत्व
इतिहास के पन्नों में कमलनाथ के लिए 13 दिसंबर काफी अहम है. विधायक दल की बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए कमलनाथ के नाम के ऐलान के बाद उन्होंने एक भाषण दिया था. अपने भाषण में 13 दिसंबर का ज़िक्र किया, इस तारीख के बारे में बताते हुए कमलनाथ भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा कि, 'यह पद मेरे लिए मील का पत्थर है. 13 दिसंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मुझे छिंदवाड़ा की जनता के सुपुर्द किया था. समर्थन करने के लिए मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया का शुक्रगुजार हूं. मुझे खुशी है कि मेरे दोस्त के बेटे ने मुझ पर भरोसा किया.'
गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम कर चुके हैं कमलनाथ
कमलनाथ कांग्रेस के काफी पुराने और भरोसेमंद नेता हैं. कमलनाथ उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने गांधी परिवार के तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है. कमलनाथ, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेहद करीब थे, यही वजह थी कि इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपने तीसरे बेटे के रूप में देखती थीं. बता दें कि पिछले साल 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर कमलनाथ ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी को 'मां' कहकर याद किया था.