11 दिसंबर को मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम आने के बाद 48 घंटा बाद ज्योतिरादित्य सिंधिंया और कमलनाथ के बीच सीएम पद के लिए जोरआजमाइश होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य की कमान कमलनाथ को सौंप दी. 15 सालों के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की वापसी कराने में कमलनाथ ने सबसे अहम भूमिका निभाई थी जिसका ईनाम उन्हें मुख्यमंत्री पद के तौर पर मिली. कमलनाथ एक मंझे हुए राजनेता और करीब 45 सालों से सांसद होने के अलावा एक कारोबारी भी रहे हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेते ही वो देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री होने का तमगा भी हासिल कर लेंगे.
कितनी है कमलनाथ की संपत्ति
मुख्यमंत्री घोषित किेए जा चुके कमलनाथ इस मामले में अभी तक देश के सबसे अमीर सीएम रहे चंद्र बाबू नायडू को भी पीछे छोड़ दिया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ ने चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था उसके मुताबिक उनकी संपत्ति करीब 206 करोड़ रुपये है जबकि चंद्रबाबू नायडू की घोषित संपत्ति 177 करोड़ रुपये ही है. हालांकि कमलनाथ ने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उनपर 5 करोड़ रुपये का कर्ज भी चल रहा है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ 2 गाड़ियों के मालिक भी है. उनके नाम पर एक सफारी स्टॉर्म एसयूवी गाड़ी मध्य प्रदेश में रजिस्टर्ड है जबकि उनके पास एम्बेसडर क्लासिक कार दिल्ली में भी है. इन दोनों की कीमत करीब 19 लाख रुपये है. खासबात यह है कि सिंतबर 2011 में भी उन्हें यूपीए सरकार के कैबिनेट में सबसे अमीर मंत्री माना गया था.
बात अगर दूसरे राज्यों के करोड़पति मुख्यमंत्रियों की करें तो तीसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश की सीएम प्रेम खांडू है जिनकी कुल संपत्ति करीब 129 करोड़ रुपये हैं. अब सबसे अमीर मुख्यमंत्रियों की श्रेणी में कमलनाथ पहले नंबर पर , आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू दूसरे नंबर और प्रेम खांडू तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. हालांकि इस रैंकिंग में चौथा स्थान भी कांग्रेस पार्टी के ही पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह का है जिनकी संपत्ति 48 करोड़ है. संपत्तियों की यह जानकारी चुनावी हलफनामे के मुताबिक है.
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कौन हैं कमलनाथ?
कांग्रेस नेता कमल नाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज कलकत्ता से बीकॅाम की पढ़ाई पूरी की थी. कमलनाथ ने 2004 से 2009 तक केंद्र सरकार मे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली.
2009 में 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए, फिर कैबिनेट मंत्री बने. जिसके बाद उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. साल 2011 में उन्हें शहरी विकास मंत्री बनाया गया और 2012 में संसदीय कार्य मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. दिसंबर 2012 में उन्हें योजना आयोग का सदस्य भी बनाया गया.
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कमलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद बने थे और वो 9 बार छिंदवाड़ा से सांसद रहे हैं. साल 1997 में उन्हें एक बार हार मिली फिर उन्होंने कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा. साल 2001 से 2004 तक कांग्रेस पार्टी के महासचिव रहे.
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Source : News Nation Bureau