Railyway Safety Action: हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे में कई लोगों की जाने गई तो कई लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं. ऐसे में रेलवे पर सवाल उठते हैं, कि आखिर ये रेल हादसे क्यों होते हैं क्या रेलवे के पास सेफ्टी को लेकर कोई प्लान नहीं है. इसी बीच रेलवे ने कंचनजंगा रेल हादसे के बाद सेफ्टी एक्शन प्लान जारी किया है. जिसमें ये बताया गया है कि इंडियन रेलवे यात्रियों की सेफ्टी के लिए किस तरह से काम करता है. साथ ही रेलवे ने सेफ्टी पर कितना खर्च किया है. जारी सेफ्टी प्लान के मुताबिक, साल 2014 से 2024 तक रेलवे ने सेफ्टी को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी है.
सेफ्टी पर करोड़ों खर्च करती है रेलवे
रेलवे ने साल 2014 से लेकर 2024 तक सेफ्टी प्रोजेक्ट पर लगभग 178,000 करोड़ रु खर्च किए हैं. इसका नतीजा ये हुआ है कि रेल की घटनाएं काफी कम हुई है. आंकड़ों की बात करें एक्शन प्लान के मुताबिक, 2004 से 2014 के मुकाबले 60 प्रतिशत तक हादसे कम हुए हैं. रेलवे सबसे ज्यादा सेफ्टी पर खर्च करता है और हमेशा सेफ्टी टूल्स को अपडेट करते रहता है. रेलवे अपने लोकोमोटिव को ट्रेनिंग सहित सुरक्षा से संबंधित सभी जिम्मेदारी की लेकर अवगत कराता है. लोको पायलट, लोको इंस्पेक्टर और स्टेशन मास्टर पर पूरा ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा रेलवे ने Automatic Train Protection System (Kavach) की शुरुआत की है. इसके अंदर 6 सब सिस्टम का करता है, जिस पर रेलवे काम करता है.
1.ऑप्टिकल फाइबर केवल
2. टेलेकॉम टावर
3.सिग्नल सिस्टम
4.ट्रैक के लिए जरूरी इक्यूपमेंट
रेलवे हादसा
कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना के बाद कई ट्रेनो को कैंसल करना पड़ा था. इस ट्रैक में फिलहाल मरमत का काम चल रहा है. इस रूट पर चलने वाली कई ट्रेनों को डायवर्ट कर दिए गए हैं. इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है और 25 लोग घायल हो गए हैं. ये हादसा तब हुआ जब एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी थी.
ये भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल: कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के बाद आज भी कई ट्रेनें रद्द, यहां देखें पूरी लिस्ट
ये भी पढ़ें-Budget 2024: बजट से पहले उद्योग संघों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी वित्त मंत्री सीतारमण, 20 जून को करेंगी बैठक
Source : News Nation Bureau