कांची मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 82 साल के थे और पिछले कई दिनों से बीमार थे।
स्वास्थ खराब होने की वजह से उन्हें पिछले महीने चेन्नई के रामचंद्र हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उस वक्त उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इलाज के बाद उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया था।
शंकराचार्य की मौत की खबर सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर उनके साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'कांची कामकोठी पीठ के जगद्गुरू पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ है, वह अपनी अनुकरणीय सेवा और श्रेष्ठ विचारों की वजह से हम सभी के दिलों में जीवित रहेंगे।'
वह कांची कामकोठी पीठ के 69वें शंकराचार्य थे। 22 मार्च 1954 को चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना था।
और पढ़ें: मोदी सरकार ने लोकतंत्र को कमजोर किया - अन्ना हजारे
और पढ़ें: मोदी में प्रधानमंत्री होने का घमंड, नहीं देते चिट्ठियों का जवाब - अन्ना हजारे
Source : News Nation Bureau