जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत की छवि खराब करने में जुटा पाकिस्तान तमाम देशों से फटकार खाने के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और लगातार भारत का विरोध कर रहा है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है लेकिन इस बार भी उसे मुंह की खानी पड़ी है. दरअसल युगांडा की राजधानी कम्पाला में आयोजित 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन की आम सभा के दौरान पाकिस्तानी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इंडियन आर्मी ने कश्मीर को बंधक बनाया हुआ है.
भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों का विरोध किया और उसे जमकर लताड़ लगाई. भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की सदस्य रूपा गांगुली ने कहा, सैनिक शासन पाकिस्तान की परंपरा है न की भार की. भारत में सैनिक शासन कभी भी और कहीं भी नहीं रहा है.
यह भी पढ़ें: कश्मीर में 9 घंटों तक चले ऑपरेशन में हिजबुल का टॉप कमांडर भी ढेर, जवानों के लिए बड़ी सफलता
Sources: Rupa Ganguly, member of Indian Parliamentary Delegation attending the ongoing General Assembly of 64th Commonwealth Parliamentary Conference in Kampala, Uganda opposed Pakistani propaganda on Kashmir issue, raised by Pak Parliamentary Delegation attending the conference. pic.twitter.com/iKigciBOzK
— ANI (@ANI) September 28, 2019
बता दें, इससे पहल पूर्वी दिल्ली के बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण पर उन्हें जमकर लताड़ लगाई थी. क्रिकेटर ने राजनेता बने गौतम गंभीर ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर इमरान के भाषण पर उनकी आलोचना करते हुए उन्हें पाकिस्तानी सेना की कठपुतली बताया था. गंभीर ने कहा था कि जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में शांति और सौहार्द को लेकर महासभा को संबोधित किया तो वहीं इमरान खान ने विश्व मंच से भारत को परमाणु हमले की धमकी दे डाली.
यह भी पढ़ें: Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे 'मन की बात', इन बड़ी बातों पर कर सकते हैं चर्चा
क्या कहा था इमरान खान ने?
बताते चलें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू हटाने के बाद वहां बड़े पैमाने पर खून-खराबा होगा. इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए अपने भाषण में कहा था, 'मैं सोचता हूं कि मैं कश्मीर में होता और 55 दिनों से बंद होता, तो मैं भी बंदूक उठा लेता. आप ऐसा करके लोगों को कट्टर बना रहे हैं. मैं फिर कहना चाहता हूं कि यह बहुत मुश्किल समय है. इससे पहले कि परमाणु युद्ध हो, संयुक्त राष्ट्र की कुछ करने की जिम्मेदारी है. हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं. अगर दो देशों के बीच युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो