केंद्र की मोदी सरकार लगातार वायुसेना को मजबूत करने में लगी हुई है. हाल ही अपाचे के 8 हेलीकॉप्टर को वायुसेना के बेड़े में शामिल करने के बाद स्वदेश निर्मित आकाश मिसाइल सिस्टम की 6 सक्वाड्रन को भी भारतीय वायुसेना में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई है. केंद्र सरकार इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए देगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आकाश मिसाइल सिस्टम की 6 सक्वाड्रन को पाकिस्तान और चीन के सीमा इलाके में तैनात किया जाएगा.
वायुसेना को रक्षा मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को इस बारे में जानाकारी दी गई. जानकारी के मुताबिक हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने तीन साल पहले पेश हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. केंद्र की मंजूरी के साथ ही वायुसेना के पास आकाश मिसाइल (Akash missile) सिस्टम की संख्या 15 हो जाएगी.
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क्या है आकाश मिसाइल की खासियत?
- आकाश मिसाइल ISRO द्वारा विकसित की गई है जो मध्यम स्तर की जमीन से हवा में वार करने वाला विमान रोधी सिस्टम है.
- आकाश रामजेट-रॉकेट संचालन प्रणाली से चालित है.
- आकाश मिसाइल में 25 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता है. इसी के साथ इसमें 60 किलोग्राम वारहैड लेकर जाने की क्षमता है.
- ये मिसाइल 2.8 से 3.4 मैक की सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भर सकती है.
- आकाश में लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह पर प्रहार करने वाली मिसाइलों को भेदकर गिराने की क्षमता है
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विवादों में रह चुकी है आकाश मिसाइल
आकाश मिसाइल साल 2017 में विवादों में तब आई थी जब सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि यह बुनियादी परीक्षण में 30 फीसदी फेल हो गई थी. दरअसल इस मिसाइल का परीक्षण 2014 में अप्रेल से नवंबर के बीच हुआ था जिसके बाद 2015 में इसे ऑपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया गया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो