जहां एक तरफ हर कोई महाराष्ट्र सरकार का विरोध कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय उद्धव ठाकरे सीएम उद्धव ठाकरे के समर्थन में आ गए हैं. चंपत राय द्वारा उद्धव ठाकरे को समर्थन देने पर अयोध्या के संतों में भारी गुस्सा हैं. हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने इस मामले में बयान देते हुए कहा कि चंपत राय ईस्ट इंडिया कंपनी की भाषा बोल रहे हैं.
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बता दें कि चंपत राय ने शिवसेना का समर्थन करते हुए कहा था कि किसी की मां ने इतना दूध पिलाया है कि वह उद्धव ठाकरे का सामना करेगा वह भी अयोध्या में. किसी की मां ने इतना जीरा खाया है कि उसने इतना ताकतवर बच्चा पैदा किया है कि वह गंगा को रोक सके. अयोध्या में ऐसा कौन है, जिसकी मां ने इतना जीरा खाया है कि ऐसी संतान पैदा हुई है कि अयोध्या में उद्धव ठाकरे को घुसने से रोक सके.'
गौरतलब है कि अयोध्या के प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक हनुमानगढ़ी समेत कई मंदिरों के साधु-संतों ने अयोध्या में उद्धव ठाकरे को घुसने से रोकने और विरोध करने का ऐलान किया है. ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव का उद्धव ठाकरे के पक्ष में खड़ा होना नए विवाद को जन्म दे दिया है.
बता दें कि कंगना और राज्य सरकार के बीच तनाव तब शुरू हुआ जब उन्होंने मुंबई के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की. कंगना ने मुंबई शहर की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की और शहर की पुलिस फोर्स को 'झूठा' कहा. इसके बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कथित तौर पर कहा था कि अभिनेत्री को "मुंबई में रहने का कोई अधिकार नहीं है". वहीं शिवसेना नेता संजय राउत और कंगना के बीच तीखी टिप्पणियां होने के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने उनके ऑफिस की इमारत में तोड़फोड़ की. इसी दौरान कंगना 9 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा दी गई वाई-प्लस सुरक्षा के बीच मुंबई पहुंची थीं.