कंगना रानौत (Kangana Ranaut) और शिवसेना (Shivsena) के बीच जुबानी वाकयुद्ध से उपजी राजनीतिक शह-मात की बिसात पर 'बॉलीवुड क्वीन' के रूप में शिवसेना को पहली मात मिल गई है. शिवसेना के सांसद संजय राउत की धमकी और सेना के कई आनुषांगिक संगठनों के विरोध के बीच कंगना बुधवार को मुंबई पहुंची, तो उन्हें समर्थन और सुरक्षा देने के लिए एयरपोर्ट से लेकर घर तक सीआरपीएफ और समर्थकों का भारी हुजूम था. इस बीच सीआरपीएफ ने कंगना के खार वाले घर पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी.
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केंद्र सरकार ने बदला माहौल
गौरतलब है कि कंगना ने संजय राउत की चुनौती स्वीकार करते हुए 9 सिंतबर को मुंबई आने की गोषणा की थी. शिवसेना की लगातार धमकियों के बीच केंद्र सरकार ने सबसे पहले उन्हें वाय श्रेणी की सुरक्षा दी. इसके पहले हिमाचल प्रदेश सरकार रिवॉल्वर रानी को प्रदेश के अंदर और बाहर सुरक्षा देने की पहले ही निर्णय कर चुकी थीं. इसका नतीजा यह निकला कि शिवसेना के नेताओं को समझ आ गया कि कंगना को रोकना आसान नहीं होगा.
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शरद पवार ने भी दिखाया शिवसेना को आईना
इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार का बीएमसी की कार्रवाई पर बेबाक बयान शिवसेना के लिए किसी सदमे से कम नहीं है. शरद पवार ने दो टूक कहा कि जब मुंबई में अन्य हजारों इमारतें अवैध हों, तब कंगना के ऑफिस पर बीएमसी के तोड़ू दस्ते की कार्रवाई गैर-जरूरी थी. इस तरह शिवसेना की तमाम गीदड़भभकियां धरी की धरी रह गईं और सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी से कंगना संजय राउत को पहली मात देने में सफल रहीं.