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कांवड़ियों की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़, पुलिस को सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश

कांवड़ियों द्वारा हिंसा और उत्पात फ़ैलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। हिंसक घटनाओं से नाराज़ सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।

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ruchika sharma
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कांवड़ियों की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़, पुलिस को सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट

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कांवड़ियों द्वारा हिंसा और उत्पात फ़ैलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। हिंसक घटनाओं से नाराज़ सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। चीफ जस्टिस दीपका मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना बेहद गंभीर बात है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले और कानून को हाथ में लेने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इलाहाबाद में नेशनल हाईवे के एक हिस्से को कांवड़ियों ने बंद कर दिया। इस पर फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने घर को जलाकर हीरो बन सकते हैं, लेकिन किसी दूसरे की संपत्ति नहीं जला सकते। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि कांवड़ियों ने उत्पात मचाया, जिससे कानून एवं व्यवस्था खराब हुई है।

वेणुगोपाल ने कहा कि इस गुंडागर्दी पर तबतक रोक नहीं लगाया जा सकता, जबतक जिला पुलिस अधीक्षक(एसपी) को निजी या सरकारी संपत्ति को जानबूझकर बर्बाद करने के प्रयास से निपटने के लिए व्यक्तिगत तौर पर जवाबदेह नहीं बनाया जाएगा।

शीर्ष न्यायालय के 2009 के दिशानिर्देश के अनुसार विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रदशर्नकारी के नेता को जवाबदेह बनाने के आदेश दिए गए थे। 

इस आदेश की ओर इशारा करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि उन्होंने गौरक्षक समूहों द्वारा लिंचिंग की घटना से निपटने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और किसी के भी द्वारा तोड़-फोड़ की घटना के लिए भी ऐसे ही दिशानिर्देश लागू होंगे।

अदालत ने कहा कि वह भीड़ या जिस भी प्रतीक के हैं, उनसे निपटने के लिए ऐसे ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

फैसले को सुरक्षित रखते हुए, अदालत ने याचिकाकर्ता कोडुनगल्लौर फिल्म सोसायटी और महान्यायवादी से इन घटनाओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश के लिए सुझाव मांगे।

अदालत में जिन घटनाओं का जिक्र हुआ, उनमें मुंबई में मराठा आंदोलन, एससी/एसटी अधिनियम को कमजोर करने के आदेश के खिलाफ एससी/एसटी समूहों द्वारा हिंसा, 'पद्मावत' की रिलीज के समय करणी सेना के प्रदर्शन शामिल हैं।

और पढ़ें: कार में तोड़फोड़ मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई, एक कांवड़िया गिरफ्तार

मालूम हो कि कुछ दिन पहले दिल्ली के मोती नगर में कावड़ियों ने बीच सड़क पर खूब उत्पात मचाया था। 7 अगस्त का एक वीडियो सामने आया था जिसमें कांवड़ियों का झुंड गाड़ी पर डंडे और बेसबॉल बरसाते हुए नज़र आये थे। कावड़ियों के समूह ने कार में तोड़फोड़ करने के बाद उसे पलटा दिया था। बेसबॉल और डंडे लिए कावड़ियों ने तब तक कार को तोड़ा जब तक उसके परखच्चे नहीं उड़ गए।

कार में सवार महिला कही जा रही थी। इस दौरान कावंड से हलकी सी कार टकराने के बाद सैकड़ों की भीड़ के सामने कुछ कांवड़ियों की गुंडागर्दी सामने आई। पुलिस ने इस मामले में एक कांवड़िये को गिरफ्तार कर लिए है। इसके आलावा यूपी से भी कांवड़ियों के उत्पात की एक वीडियो सामने आई थी।

(इनपुट- आईएएनएस)

Source : News Nation Bureau

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