EVM हैकिंग दावे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सरकार से मामले की जांच करवाने की मांग की है. कपिल सिब्बल ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस पर कोई भी आरोप लगाना बेबुनियाद है. अगर कोई शख़्स EVM हैक किए जाने का दावा कर रहा है तो मामले की जांच होनी चाहिए और अगर वह शख़्स झूठ बोल रहा है तो उस व्यक्ति के ख़िलाफ़ भी सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी आजकल किसी भी मामले को लेकर कुछ भी बोल देती है कम से कम केंद्रीय मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.
वहीं मंच पर मौजूदगी को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आयोजनकर्ता अशीष रे ने उन्हें निमंत्रण भेजा था और वह व्यक्तिगत तौर पर प्रेस-कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आशीष रे ने बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक दल और चुनाव आयोग को भी न्योता भेजा था. गौरतलब है कि आशीष रे ‘इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन’ (यूरोप) के अध्यक्ष हैं और उन्होंने सोमवार (21 जनवरी) को ईवीएम हैकिंग से संबंधित एक प्रेसकॉन्फ्रेंस लंदन में आयोजित कराई थी. इस दौरान अमेरिका से स्काइप के जरिए सैयद शुजा नाम के कथित हैकर ने भारत के चुनावो में ईवीएम हैक करने का सनसनीखेज दावा किया.
बता दें कि अमेरिका में राजनीतिक शरण चाहने वाले एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये 'धांधली' हुई थी. उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. इस दौरान मंच पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कपिल सिब्बल की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'कपिल सिब्बल कांग्रेस की तरफ से मॉनिटरिंग करने गए थे? कांग्रेस हमेशा उनसे ऐसा काम कराती है. चाहे बात राम मंदिर की बात हो या महाभियोग की बात. मैं पूछना चाहता हूं कि कपिल सिब्बल वहां क्या कर रहे थे. वह वहां किस हैसियत से मौजूद थे.'
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि इस पूरे आयोजन से क्या 2014 में देश के जनमत का अपमान नहीं हो रहा है. क्या यह 90 करोड़ मतदाताओं का अपमान नहीं है.'
उन्होंने कहा कि '2007 में मायावती जीतीं तो ईवीएम ठीक था? 2012 में अखिलेश जी जीते तो ईवीएम ठीक था? ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जीते तो ईवीएम ठीक था? 2014 में हैकिंग से चुनाव जीतें हैं. ईवीएम आज से नहीं बहुत दिनों से काम कर रहा है. 10 साल यूपीए सत्ता में रही, तब ईवीएम ठीक रही?'
बता दें कि चुनाव आयोग ने इस मामले में दिल्ली पुलिस से सैयद शुजा के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ करने को कहा है.
क्या है विवाद?
सोमवार को स्काईप के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शख्स ने दावा किया कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है.
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उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके.
Source : News Nation Bureau