पंजाब कांग्रेस में जारी उथल-पुथल और आलाकमान के खिलाफ जी-23 के हमले ने एक बार फिर कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई छेड़ दी है. नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद कपिल सिब्बल ने शीर्ष कमान पर कई सवाल उठाए. जी-23 में शामिल कुछ और नेताओं ने भी सिब्बल का साथ दिया. अब कांग्रेस के अंदर ही खुद 'वफादार' दिखाने की कोशिश में वरिष्ठ नेताओं ने जी-23 नेताओं पर ही निशाना साधा है. पूर्व सांसद और दिल्ली के नेता अजय माकन ने कहा, 'संगठनात्मक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद सोनिया गांधी चाहती थीं कि सिब्बल केंद्र में मंत्री बनें. पार्टी में सभी की बात सुनी जा रही है. सिब्बल और अन्य लोगों को बताना चाहते हैं कि उन्हें उस संगठन को नीचा नहीं दिखाना चाहिए जिसने उन्हें एक पहचान दी है.”
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने जी-23 पर संघर्ष के समय पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट किया कि पार्टी के 'अध्यक्ष' और 'नेतृत्व' एक ही हैं, जो आपको हमेशा संसद तक ले गए, पार्टी के अच्छे समय में आपको 'मंत्री' बनाया. विपक्ष में रहते हुए आपको राज्यसभा भेजा गया, अच्छे और बुरे समय में हमेशा जिम्मेदारियों से नवाजा गया .और जब संघर्ष का 'समय' आया, तब..."
सुनिए 'जी-हुजूर':-
पार्टी की 'अध्यक्ष' और 'नेतृत्व' वही है,
जिन्होंने आपको हमेशा संसद पहुंचाया,पार्टी के अच्छे वक्त में आपको 'मंत्री' बनाया,
विपक्ष में रहे, तो आपको राज्यसभा पहुंचाया
अच्छे-बुरे वक्त में सदैव जिम्मेदारियों से नवाजा..और जब 'वक्त' संघर्ष का आया, तो...
— Srinivas BV (@srinivasiyc) September 29, 2021
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वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जी-23 पर तंज कसते हुए फिल्म 'गांधी' की एक क्लिप को टैग किया और ट्वीट किया: "सूट-बूट क्लब, चाहे सरकार में हो या संगठन में, न तो अच्छा साबित होता है जनता के लिए और न ही पार्टी के लिए. गांधी जी का यह संदेश सुना जाना चाहिए. आज राहुल गांधी और सोनिया गांधी खेतों और खलिहानों और गरीबों की आवाज उठा रहे हैं, यह कांग्रेस है.
"सूट-बूट" क्लब चाहे सरकार में हो या संगठन में, न जनता के लिए हितैषी साबित होता है और न पार्टी के लिए।
भारत वापस लौटने पर गांधी जी का यह संदेश सुनना चाहिए। (गांधी फ़िल्म)
आज @RahulGandhi जी और सोनिया गांधी जी खेत-खलिहानों और गरीबों की आवाज उठा रहे हैं, यही कांग्रेस है। pic.twitter.com/5Fch5jWRX0
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 29, 2021
हालांकि मनीष तिवारी ने कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब में जारी उथल-पुथल पाकिस्तान को फिर मौका दे सकती है. यह एक सीमावर्ती राज्य है जो पहले से ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा, "पंजाब में पहले से ही कृषि कानूनों के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है, और इन परिस्थितियों में, राज्य की वर्तमान राजनीति में गंभीर सुरक्षा निहितार्थ हो सकते हैं.
मनीष तिवारी ने कहा कि आतंकवाद के दिनों में पंजाब ने लगभग 25,000 लोगों को खो दिया था और ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान फिर से चीजों को अस्थिर करने की कोशिश कर सकता है. तिवारी ने यह भी कहा कि नेतृत्व में बदलाव के कारण अमरिंदर सिंह को बाहर कर दिया गया था, जिसे ठीक से संभाला नहीं गया था.
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कपिल सिब्बल ने उठाए थे सवाल
पंजाब के ताजा हालात के सिब्बल ने कपिल सिब्बल ने बुधवार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि पार्टी की हालत देखकर दुखी हूं. कांग्रेस पार्टी को मिलकर लड़ना होगा. हमारे लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. हमें खुद से सवाल पूछना होगा. पार्टी के अंदर संवाद की जरूरत है. इस दौरान सिब्बल ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की मांग की है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा कि आज कोई अध्यक्ष नहीं है, तो सवाल उठता है कि पार्टी में फैसले कौन ले रहा है? उन्होंने कहा, आज मैं भारी मन से यहाँ हूँ.ऐसी स्थिति में क्या हो रहा है हमें लोग छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता छोड़ कर चली गई, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री जा चुके हैं, जितिन प्रसाद गए, सिंधिया जी जा चुके हैं, ललितेश त्रिपाठी जा चुके हैं. सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? खुद से पूछना होगा कि हमारी भी गलती रही हो. आज की तारीख में कोई अध्यक्ष नहीं है, तो फैसले कौन ले रहा है ? कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक होनी चाहिए। कपिल सिब्बल ने कहा, हम सबकुछ हो सकते हैं लेकिन जी-23, जी हुजूर नेता नहीं हैं. जी-23 केवल पार्टी के हितों की ही बात करती है. कपिल सिब्बल ने बयान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था.
Source : Kuldeep Singh