कांग्रेस पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मिलकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह को नोटिस भेजने की मांग की है. कांग्रेस का आरोप है कि तेलंगाना में अमित शाह ने सांप्रदायिक वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश की है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि अमित शाह ने तेलंगाना में कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में गलतबयानी की है. उन्होंने सांप्रदायिक वातावरण को खराब करने की कोशिश की है. हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि इसके लिए शाह को नोटिस जारी किया जाए. बता दें कि तेलंगाना में 7 दिसंबर को चुनाव होने हैं, इसे लेकर रैलियों में नेताओं की बयानबाजियां सांप्रदायिक स्तर तक पहुंच गई है.
कपिल सिब्बल ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि तेलंगाना में अमित शाह द्वारा दिए गए गलत बयानों के लिए नोटिस भेजे जाएं, उनके बयान से वहां सांप्रदायिक हिंसा फैल सकती है.'
बता दें कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी मेनिफेस्टो को लेकर 2 दिसबंर को एक रैली में शाह ने आरोप लगाया था, 'कांग्रेस मस्जिदों और चर्चों को मुफ्त बिजली प्रदान करने का वादा कर रही है. मंदिरों के बारे में क्या?'
हालांकि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में सिर्फ मस्जिद और चर्च का जिक्र नहीं किया गया था. उसमें मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्य धार्मिक स्थलों में मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था.
इसके अलावा अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकारी अनुबंधों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का वादा कर रही है. शाह ने सवालिया लहजे में कहा था, 'राहुल गांधी कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग अस्पताल का निर्माण करेगी. उन गरीबों का क्या अपराध है जो अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं है?'
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कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर शाह को नोटिस जारी किए जाने के अलावा मध्य प्रदेश में ईवीएम से जुड़ी 'शिकायतों', तेलंगाना कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की गिरफ्तारी और तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की कैबिनेट बैठक को लेकर भी चुनाव आयोग को अवगत कराया.
चुनाव आयोग पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, कमलनाथ और कपिल सिब्बल शामिल थे.
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गौरतलब है कि राज्य में टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश के बाद 6 सितंबर को 119 सदस्यीय विधानसभा भंग कर दी गई थी, जिस कारण चुनाव समय से पूर्व कराए जा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau