जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) के कांग्रेस का हाथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का कमल थामने के बाद बयानों के तरकश से तीर निकल रहे हैं. जहां कुछ कांग्रेसी जितिन के इस कदम को 'विश्वासघात' बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 के महत्वपूर्ण चेहरे कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) इसे अपने ही अंदाज में बयान कर रहे हैं. उन्होंने भारतीय राजनीति के 'आयाराम-गयाराम' परंपरा का जिक्र करते हुए 'प्रसाद' के तौर पर इस घटनाक्रम को निरूपित किया है. हालांकि इस फेर में वह कांग्रेस आलाकमान को भी आईना दिखाने से नहीं चूके हैं.
'कहीं ये 'प्रसाद परंपरा' की शुरुआत तो नहीं'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट करके कुछ सवाल दागे हैं. उन्होंने पहले ट्वीट लिखा है- जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने लिखा, 'सवाल यह उठता है कि क्या उन्हें बीजेपी की ओर से 'प्रसाद' मिलेगा या उन्हें बस यूपी चुनाव के लिए फंसाया गया है? ऐसे मामलों में अगर विचाधारा मायने नहीं रखती तो बदलाव आसान होता है.' यही नहीं, कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर जितिन प्रसाद ने यह कदम उठाया है, तो इसकी कोई न कोई वजह जरूर रही होगी.
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कांग्रेसी कर रहे अनर्गल बयानबाजी
गौरतलब है कि जितिन प्रसाद के बीजेपी का दामन थामने के बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी. यूपी कांग्रेस ने जहां उन्हें 'विश्वासघाती' करार दिया था, वहीं एमपी कांग्रेस ने 'कचरा' बोला था. हालांकि एमपी कांग्रेस ने बाद में अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया था. कांग्रेस के अदिति सिंह सरीखी बागी नेताओं ने भी जितिन की आड़ में आलाकमान को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. हालांकि बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन प्रसाद को अपना छोटा भाई बताते हुए बीजेपी में शामिल होने के उनके निर्णय का स्वागत किया. सिंधिया ने प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, वह मेरे छोटे भाई हैं.'
HIGHLIGHTS
- जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने पर प्रतिक्रियाओं का दौर
- जी-23 के कपिल सिब्बल मान रहे होगा वाजिब कारण
- हालांकि बीजेपी में शामिल होने के सवाल को उठाया