राफेल पर मची रार के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा, कांग्रेस पार्टी बहुत पहले से स्पष्ट करती आई है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर कोई फैसला लेने के लिए उचित फोरम नहीं है. उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर तथ्यों और गवाहों के शपथपत्र की जांच नहीं कर सकता, प्रधानमंत्री को बुलाकर उनसे पूछताछ नहीं कर सकता, जबकि कांग्रेस प्रधानमंत्री से पूछताछ कराने के पक्ष में है.
Kapil Sibal, Congress: Government is responsible for giving wrong facts to the Supreme Court. I think the Attorney General should be called before the PAC and be asked why wrong facts were presented. This is a very serious matter. #RafaleDeal pic.twitter.com/LdT22JGWct
— ANI (@ANI) December 15, 2018
उन्होंने कहा, सरकार सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य दाखिल करने के लिए जिम्मेदार है. मुझे लगता है कि अटॉर्नी जनरल को पीएसी (लोक लेखा समिति Public Account Committee) के सामने बुलाकर यह पूछा जाना चाहिए कि क्यों कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए गए. उन्होंने कहा, यह बहुत ही गंभीर मसला है. कपिल सिब्बल ने कहा, मुझे टेलीस्कोप खरीदना है और उसे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को गिफ्ट करना है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस का टेलीस्कोप से देखना पड़ेगा.
Kapil Sibal, Congress: I have asked for a telescope to be bought, I will then gift it to the BJP President. He had said that after the elections in these 3 states one would need a telescope to see Congress pic.twitter.com/czsaX0SAez
— ANI (@ANI) December 15, 2018
Kapil Sibal, Congress: We have been very clear that Supreme Court was not an appropriate forum on which these issues can be decided, as it cannot summon and examine file notings, witnesses on oath, including questioning the Prime Minister, and we need to question the PM https://t.co/r2i330G2Qa
— ANI (@ANI) December 15, 2018
इससे पहले शनिवार सुबह में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, शुक्रवार को जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उससे माना जा सकता है कि कोर्ट के सामने सरकार ने ठीक तरीके से तथ्यों को नहीं रखा. कोर्ट को सरकार ने भ्रमित करने का काम किया है. सरकार ने कहा है, CAG रिपोर्ट पेश की गई है, PAC ने जांच की है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा, PAC की जांच के वक्त एविडेंस लिए जाते है, पेशी होती है, सारे मेंबर पेश होते हैं, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.