शिवसेना सांसद संजय राउत अपने इस बयान से पीछे हट गए हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तत्कालीन माफिया डॉन करीम लाला से मुलाकात की थी, लेकिन डॉन के पोते और एक अन्य डॉन हाजी मस्तान के रिश्तेदार ने कहा है कि इसमें कौन सी बड़ी बात है, बहुत से नेता और टॉप के फिल्मी सितारे अंडरवर्ल्ड डॉनों से बढ़िया संबंध रखते थे.
Sundar Shekhar, adopted son of don Haji Mastan: Sanjay Raut (Shiv Sena leader) is right. Indira Gandhi used to meet him (Karim Lala). Many other leaders also used to visit. Haji Mastan was a businessman. Balasaheb Thackeray too was a good friend of Haji Mastan. pic.twitter.com/Vqa4sc7spu
— ANI (@ANI) January 16, 2020
अब्दुल करीम शेर खान उर्फ करीम लाला के पोते सलीम खान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वो केवल इंदिरा गांधी ही नहीं, बल्कि बाल ठाकरे, शरद पवार और राजीव गांधी जैसे दिग्गज भी उनके दादा से मुंबई और दिल्ली में मिलते रहते थे.
सलीम ने कहा, "यह कहना तो गलत है कि इंदिरा गांधी मेरे दादा से मिलने पाइधोनी (दक्षिण मुंबई) आई थीं, लेकिन यह सभी जानते हैं कि उनकी दिल्ली में मुलाकात हुई थी. इसकी तस्वीरें मौजूद हैं." उन्होंने कहा कि करीम लाला तत्कालीन नार्थ वेस्ट फ्रंटियर प्राविंस (आज पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा) के मुंबई व अन्य जगहों के पठानों के नेता थे और फ्रंटियर गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान के करीबी थे. जब कभी समुदाय के लोगों को परेशानी होती तो वे नेताओं की मदद से इसका हल निकालने की कोशिश करते.
उन्होंने भाजपा नेता देंवेद्र फडणवीस के इस बयान को गलत बताया कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए अंडरवर्ल्ड की मदद लेती थी या पैसे लेती थी. सलीम ने कहा, "मेरे दादा एक व्यापारी थे. उनके दिल में पठान समुदाय के सरोकार थे. वह कभी भी राजनीति के लिए इच्छुक नहीं थे. उनके पास इतना था ही नहीं कि वह किसी नेता या पार्टी को धन देते..संजय राउत के बयान को पूरी तरह से तोड़ मरोड़ दिया गया है." अंडरवर्ल्ड छोड़कर राजनीति में शामिल होने वाले हाजी मस्तान के गोद लिए पुत्र सुंदर शेखर ने भी कहा कि हाजी मस्तान की राजनेताओं और फिल्मी सितारों में बहुत मांग थी.
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शेखर ने आईएएनएस से कहा, "उन्होंने (हाजी मस्तान ने) एक राजनीतिक दल का गठन किया था जिसे आज भारतीय माइनारिटीज सुरक्षा महासंघ कहा जाता है. मैं अभी इसका अध्यक्ष हूं. रामदास अठावले (इस वक्त केंद्र में मंत्री) और दलित नेता जोगेंद्र कवाडे हमारे घर हमेशा आते रहते थे." उन्होंने कहा कि 'अठवाले तब बेहद गरीब, सामान्य लड़के हुआ करते थे. कई बार भूखे रहते थे..काम की तलाश में रहते थे और रहमदिल हाजी मस्तान उनकी और उनके जैसे अन्य युवाओं की मदद किया करते थे.' शेखर ने कहा, "हाजी मस्तान और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे दोस्त थे. जूहू के बागुर होटल में दोनों फुर्सत के पल साथ बिताते थे. यह होटल दोनों को बहुत पंसद था."
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उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे के अलावा, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, शरद पवार, सुशील कुमार शिंदे, वसंतदादा पाटील, मुरली देवड़ा नियमित रूप से हाजी मस्तान से मिलते रहते थे.
उन्होंने भी कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत के बयान को तोड़ मरोड़कर विपक्ष ने पेश किया है. 1970-80 का दशक अलग तरह का था, आज जैसा नहीं था. तब लोग बहुत मानवीय हुआ करते थे. एक-दूसरे की मदद करते थे. करीम लाला के एक और रिश्तेदार जहानजेब खान ने कहा कि यहां तक कि ज्ञानी जैल सिंह ने करीम लाला से मुलाकात की थी. लेकिन, इसकी वजह खान अब्दुल गफ्फार खान के युग के नेताओं की आपसी घनिष्ठता थी. लोग आज करीम लाला को माफिया डॉन कहते हैं, लेकिन एक भी केस या उन्हें सजा मिली हो, ऐसा कुछ भी उनके खिलाफ कोई दिखा नहीं सकता.