आज यानी 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे हो गए हैं. इस खास मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'करगिल विजय दिवस हमारे राष्ट्र के लिए 1999 में करगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता को याद करने का दिन है. इस मौके पर हम भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य और शौर्य को नमन करते हैं. हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन ऋणी रहेंगे.' इसके अलावा राष्ट्रपति कोविंद द्रास मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे.
यह भी पढ़ें: Kargil Vijay Diwas: Indian Army ने ऐसे छुड़ाए थे पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के
On Kargil Vijay Diwas, a grateful nation acknowledges the gallantry of our Armed Forces on the heights of Kargil in 1999.
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 26, 2019
We salute the grit and valour of those who defended India, and record our everlasting debt to those who never returned.
Jai Hind! 🇮🇳 #PresidentKovind
बता दें भारत ने आज ही के दिन साल 1999 को कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इसीलिए इसे विजय दिवस भी कहा जाता है. यह दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मनाया जाता है. इसलिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है. लगभग 60 दिनों तक कारगिल युद्ध चला था और जुलाई के अंत में 26 जुलाई को इसका अंत हुआ था. कारगिल युद्ध जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है पर भारत ने जीत हासिल की थी. ऑपरेशन विजय पर विजय हासिल करने से ही इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
यह भी पढ़ें: कानून मंत्री रविशंकर ने पैगम्बर साहब का नाम लेकर सदन में कुछ इस तरह से ओवैसी को दिया जवाब
बता दें कि कारगिल लड़ाई में बोफोर्स तोपें सेना के खूब काम आई थीं. भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध में बड़ा योगदान दिया था. भारतीय वायुसेना ने 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का उपयोग किया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था.।