शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तब के माफिया डॉन करीम लाला से मिलने के लिए मुंबई जाने की बात कहकर गाहे-बगाहे अंडरवर्ल्ड को चर्चा में ला दिया है. करीम लाला अंडरवर्ल्ड के पहले डॉन हाजी मस्तान मिर्जा से भी पहले का डॉन था. पूरे मुंबई में पठान गैंग के करीम लाला की तूती बोलती थी. यह वहीं करीम लाला था, जिसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को कभी बहुत मारा था. दाऊद किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा था. दरअसल 1981 के दौर में दाऊद ने करीम लाला के एरिया में सेंध लगाई थी. इसके बाद पठान गैंग ने दाऊद के भाई शब्बीर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद दोनों के बीच खूनी जंग का आगाज हो गया था. यही वह समय था, जब दाऊद इब्राहिम का उभार हुआ. करीम लाला बीमार रहने लगा था और दाऊद लगातार मजबूत होता गया.
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करीम लाला की पठान गैंग और दाऊद की 'डी कंपनी' के बीच 1981 से 85 के बीच खूनी खेल शुरू हो गया. शब्बीर की मौत के ठीक पांच साल बाद 1986 में दाऊद के गुर्गों ने करीम लाला के भाई रहीम खान को मार डाला था. वहीं 90 साल की उम्र में 19 फरवरी 2002 को मुंबई में ही करीम लाला की मौत हो गई थी.
30 के दशक में अफगानिस्तान के कुनाप से अब्दुल करीम शेर खान 21 साल की उम्र में मुंबई (तब बंबई) आया. वह पैसे वाले परिवार से था. साउथ बंबई के ग्रांट रोड स्टेशन के पास किराए के मकान में उसने सोशल क्लब नाम से जुए का अड्डा खोला. बहुत कम समय में ही यह बंबई का नामी क्लब बन गया. इसी जुआघर से निकला था बंबई का पहला माफिया डॉन करीम लाला. इसके बाद करीम हीरे-जवाहरात की तस्करी करने लगा. बाद में वह तस्करी के धंधे में किंग के नाम से मशहूर हो गया था.
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40 के दशक में जब मुंबई में हाजी मस्तान और वरदाराजन मुदलियार भी अपना वर्चस्व स्थापित करने में लगे थे, कोई झुकने को तैयार नहीं था. तीनों ने काम और इलाके का बंटवारा कर लिया था. तब मुंबई में इनके अलावा कोई गैंगस्टर नहीं था. बाद में मुंबई पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल इब्राहिम कासकर के बेटे दाऊद इब्राहिम कासकर और शब्बीर इब्राहिम कासकर हाजी मस्तान गैंग से जुड़ गए. इस दोनों ने करीम लाला के एरिया में तस्करी का धंधा शुरू कर दिया था.
करीम लाला बॉलीवुड फिल्मों का बड़ा शौकीन था. आज भी इस बात की चर्चा होती है कि अभिनेत्री हेलन सुपरस्टार दिलीप कुमार के माध्यम से करीम लाला से मदद मांगने गई थीं. हेलन का दोस्त पीएन अरोड़ा उनकी सारी कमाई लेकर फरार हो गया था और वह पैसे लौटाने से इनकार कर रहा था. करीम लाला की मदद से हेलन का सारा पैसा मिल गया था. एक बार संजय खान ने करीम लाला को काला धंधा, गोरे लोग फिल्म के लिए एक रोल की पेशकश की थी लेकिन लाला ने मना कर दिया था. करीम लाला की जगह सुनील दत्त ने उस फिल्म में काम किया था.
Source : News Nation Bureau