तो क्या कर्नाटक कांग्रेस में वाकई सबकुछ ठीक नहीं है? उनके सांसद के बयान से तो कुछ ऐसा ही लगता है. इतना ही नहीं 18 जनवरी को बेंगलुरु में कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों की मीटिंग भी बुलाई है. जो इस बात की पुष्टि करता है कि पार्टी में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. कांग्रेस सांसद केएच मुनियप्पा ने अपने विधायकों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि 'वो लोग जो बाहर चले गए हैं वापस आ जाएं और चिंता न करें. कांग्रेस के दूसरी पीढ़ी के नेता जिन्होंने चुनाव जीता है उन्हें भी असुरक्षित महसूस करने की ज़रूरत नहीं है. राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल आपके दुख से अवगत हैं. अगले कैबिनेट विस्तार में आपको भी जगह दी जाएगी.'
KH Muniyappa, Congress MP: I invite all who left the fold to come back and not worry. Second generation Congressmen who won election must not feel insecure. Rahul Gandhi and KC Venugopal are aware of your grievances, you will be given chance in next cabinet expansion #Karnataka pic.twitter.com/fxhygutYs8
— ANI (@ANI) January 16, 2019
बता दें कि ताज़ा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 7 विधायक पार्टी से इस्तीफ़ा दे सकते हैं. बता दें कि 225 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष सहित कांग्रेस के 80 विधायक हैं जबकि 37 विधायक जेडीएस के हैं. विधानसभा में बीजेपी के 104 विधायक हैं.
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं को राज्य सरकार को 'अस्थिर' करने की अनुमति क्यों दी जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, " 'मिस्टर साफ नीयत' नरेंद्र मोदी, क्या कर्नाटक के अपने बुरे BJP के नेताओं को सरकार को अस्थिर करने की अनुमति देना लोकतंत्र के प्रति एक 'साफ' नीयत है?"
उन्होंने कहा, "आपके जनसंपर्क नारे आपकी वास्तविक 'नीयत' को छिपाते नहीं हैं और आपके 'सही विकास' को रिसॉर्ट विकसित करने से परे जाना चाहिए. सबसे पहले लोगों को अपनी नीयत दिखाएं."
मोदी सरकार के नारे 'साफ नीयत, सही विकास' का उपहास उड़ाने वाला सिद्धारमैया का ट्वीट दक्षिणी राज्य के सिंचाई मंत्री डीके शिवकुमार के यह आरोप लगाने के एक दिन बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि BJP द्वारा कांग्रेस विधायकों को अपनी तरफ किए जाने की कोशिश की जा रही है.
सिंचाई मंत्री शिवकुमार ने बेंगलुरू में मीडिया को बताया, "हमारे तीन विधायक मुंबई में हैं. हम (कांग्रेस) BJP द्वारा की जा रही खरीद फरोख्त के प्रयास से अवगत हैं. हमारे विधायकों ने भी स्वीकार किया कि BJP द्वारा उनसे संपर्क किया जा रहा है."
उन्होंने आरोप लगाया, "BJP विधायकों को खरीदकर जनता दल सेक्युलर (JDS) व कांग्रेस की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है."
शिवकुमार ने हालांकि उन विधायकों का नाम नहीं लिया, जिनसे BJP ने संपर्क किया है।
BJP की कर्नाटक इकाई ने कांग्रेस के दावों को नकार दिया है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि BJP ने अपने 104 राज्य विधायकों में से 99 को गुरुग्राम के एक निजी रिसॉर्ट में भेज दिया है.
BJP के कर्नाटक के प्रवक्ता वामनाचार्य ने बताया, "वर्तमान में कुल 99 विधायक एक निजी रिसॉर्ट में हैं, जबकि अन्य पांच दिल्ली में हैं और हमारे संपर्क में हैं." उन्होंने कहा, "गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के बुरे इरादों के चलते हमारे विधायकों को रिसॉर्ट में रखा गया है."
बता दें कि JDS-कांग्रेस की सात महीने पुरानी गठबंधन सरकार को झटका देते हुए दो निर्दलीय विधायकों -आर. शंकर और एच. नागेश- ने मंगलवार को कहा कि वे सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं. हवेरी जिले की राणेबेन्नुर विधानसभा सीट से विधायक शंकर क्षेत्रीय कर्नाटक प्रग्नवंता जनता पार्टी से संबद्ध हैं, वहीं नागेश कोलार जिले की मुलबागल विधानसभा सीट से विधायक हैं.
शंकर ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने JDS- कांग्रेस सरकार को अपना समर्थन अच्छी सरकार की उम्मीद से दिया था, लेकिन मुझे निराशा मिली." दोनों निर्दलीय विधायकों ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई आर वाला को भेजे समर्थन वापसी के अपने पत्र को मीडिया से साझा किया.
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मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार में वन मंत्री रहे शंकर को पिछले साल 22 दिसंबर को मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और विस्तार के दौरान मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था.
Source : News Nation Bureau