कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह संविधान के मुताबिक अपना काम कर रहे हैं और अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. उनके खिलाफ सत्तारूढ़ गठबंधन के 15 बागी विधायक उच्चतम न्यायालय गए हैं और आरोप लगाया है कि वह उनके इस्तीफों को स्वीकार करने में देरी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार सुबह अपना फैसला सुनाएगी. विधायकों ने विधानसभा से उनका इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कुमार को निर्देश देने का अनुरोध किया है.
कोलार जिले में कुमार ने पत्रकारों से कहा कि जब उच्चतम न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा तो वह उसे देखने के बाद प्रतिक्रिया देंगे.
उन्होंने कहा कि वह संविधान के मुताबिक काम कर रहे हैं. कुमार ने कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते मुझे सभी अन्य मामलों पर टिप्पणी करने की स्वतंत्रता नहीं है.
कुमार ने कहा, ‘मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो चुनौती देने वाला हो मैं सिर्फ अपना कर्तव्य निभाउंगा. सबको कल तक इंतजार करना चाहिए,’
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मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली है.
उच्चतम न्यायालय का फैसला कांग्रेस-जेडीएस के सदन में शक्ति परीक्षण से गुजरने से एक दिन पहले आएगा.
कुल 16 विधायकों ने इस्तीफा दिया है जिनमें से 13 कांग्रेस और तीन जदएस के विधायक हैं जबकि निर्दलीय विधायक एस शंकर और एच नागेश ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.
बहुमत साबित करने से पहले कुनबे को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस ने अपने-अपने विधायकों को रिजॉर्टों में पहुंचा दिया है.
कांग्रेस ने कुछ और विधायकों के इस्तीफे के अंदेशे के बीच अपने विधायकों को शहर के एक होटल से नगर के बाहरी इलाके में स्थित एक रिजॉर्ट में पहुंचा दिया है.
भाजपा प्रदेश प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने कथित रूप से दावा किया है कि विश्वास मत से पहले दो-तीन विधायक इस्तीफा दे सकते हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों ने गलत इरादे से इस्तीफा दिया है.
उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा नेता येदियुरप्पा ने जानबूझकर यह सुनिश्चित करने के लिए यह बयान दिया है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए पर्याप्त सामग्री है। बागी विधायक जाल में फंस गए हैं.
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सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37, बसपा का एक और एक नामित सदस्य है. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष भी हैं.
225 सदस्यीय विधानसभा में विपक्षी भाजपा के पास दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 107 विधायक हैं.
अगर 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ दल का संख्या बल घटकर 101 हो जाएगा.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, नामित सदस्य को भी मतदान का अधिकार है.
HIGHLIGHTS
- कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने कहा संविधान के अनुरूप काम करता हूं
- उच्चतम न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा तब दूंगा अपनी प्रतिक्रिया
- मैं सिर्फ अपना कर्तव्य निभाउंगा. सबको कल तक इंतजार करना चाहिए