कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर विरोध जारी है. एक तरफ कर्नाटक सरक़ार दस नवंबर को जयंती मनाएगी वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. सेहत ठीक न होने के कारण राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी टीपू सुल्तान की जयंती मनाये जाने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से जारी हुए बयान में कहा गया है कि डॉक्टर की सलाह पर मुख्यमंत्री अगले तीन दिनों तक किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. नवंबर 11 तक मुख्यमंत्री आराम पर रहेंगे. इस दौरान वह अपने परिजनों के साथ समाय बिताएंगे कर्नाटक सरक़ार विरोध प्रदर्शन के बावजूद शनिवार को टीपू सुल्तान की जयंती मनाएगी. कुमारस्वामी की ओर से जेडीएस मंत्री वेंकटराव नादगौड़ा कार्यक्रम में शामिल होंगे. बीदर से जेडीएस मंत्री बी काशिमपुर टीपू सुल्तान की जयंती में शामिल होंगे
कर्नाटक में दस नवंबर को टीपू जयंती के कार्यक्रम को लेकर राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये गए है. कोडागु जिले समेत हुबली और धारवाड़ में धारा 144 (4 लोगों से ज्यादा इकट्ठा नहीं हो सकते) लगा दी गई है.हुबली और धारवाड़ में 10 नवंबर सुबह 6 बजे से 11 नवंबर को सुबह 7 बजे तक धरा 144 लागू होगा. पुलिस का कहना है कि बेंगलुरु, मगलुरु और कोंडागु संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम है. टीपू सुल्तान की जयंती का कार्यक्रम बेंगलुरु के विधानसौधा में मनाया जाएगा.
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टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर सियासत में उबाल आ गया है. बीजेपी ने मैसूर के शासक को अत्याचारी करार दिया. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा है कि एक अत्याचारी के जन्मदिन को मनाए जाने की कोई जरूरत नहीं है. टीपू सुल्तान हिंदू विरोधी थे. बीजेपी प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि जब पिछली कांग्रेस सरकार ने टीपू जयंती मनाने का फैसला किया था, उस समय उनका काफी विरोध हुआ था. विरोध को देखते कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वरा ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है तथा कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की.
Source : News Nation Bureau