Advertisment

कर्नाटक उपचुनाव रिजल्ट: ये 3 संभावित समीकरण जो तय करेंगे सियासी तकदीर

कर्नाटक उपचुनाव में अगर बीजेपी कम से कम छह सीटें जीत लेती है तो राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता पर ब्रेक लग जाएगा. अगले साढ़े तीन साल के लिए येदियुरप्पा राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
कर्नाटक उपचुनाव रिजल्ट: ये 3 संभावित समीकरण जो तय करेंगे सियासी तकदीर

मुख्यमंत्री बीएस येदुयिरप्पा( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के बीजेपी के पक्ष में वोट देने के बाद अयोग्य करार दिए गए इन विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में पिछले बुधवार कर्नाटक उपचुनाव आयोजित किए. दो सीटों मास्की (रायचूर जिले में) और राजराजेश्वरनगर (बेंगलुरु में) का मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण अभी इन सीटों पर उपचुनाव नहीं कराए गए हैं. कर्नाटक की सियासत में इन सीटों के चुनाव नतीजे काफी अहम रहेंगे. इन परिणामों से ही तय होगा कि कर्नाटक में येदुरप्पा रहेगी या नहीं.
बीजेपी ने अयोग्य ठहराए गए जेडीएस-कांग्रेस के 13 विधायकों को टिकट दिया था. बीजेपी को सरकार बचाए रखने के लिए कम से कम छह सीटों पर जीत हासिल करना जरूरी है. सीएम बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक करियर के लिए उपचुनाव के परिणाम काफी अहम हैं। दूसरी ओर कांग्रेस और जेडीएस के लिए भी यह उपचुनाव एक मौके की तरह है. अगर दोनों को मिलाकर 10 सीटें भी मिल जाती हैं तो एक बार फिर दोनों के पास बीजेपी को पछाड़ने का सुनहरा मौका होगा. 

यह भी पढ़ेंः कर्नाटक उपचुनाव रुझान Live Updates: कर्नाटक में बीजेपी की जीत लगभग तय, बीजेपी दफ्तर के सामने जश्न

1. छह सीटें जीती तो सीएम येदियुरप्पा को मिलेंगे 3.5 साल और
कर्नाटक में सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी को कम से कम छह सीटों पर सीट हासिल करनी जरूरी है. अगर बीजेपी छह सीटें भी जीत जाती है तो राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता पर ब्रेक लग जाएगा. इसके साथ ही येदियुरप्पा का अगले साढ़े तीन साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का रास्ता भी साफ हो जाएगा. अयोग्य ठहराए गए विधायक इस चुनाव में जीत जाते हैं तो उन्हें मंत्री पद इनाम में मिल सकता है लेकिन हारने वाले नेताओं का राजनीतिक भविष्य संकट में आ जाएगा.

यह भी पढ़ेंः हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, 11 को सुनवाई

2. कांग्रेस और जेडीएस के पास फिर मौका
चुनाव में अगर बीजेपी को छह के कम सीटें मिलती हैं तो कांग्रेस-जेडीएस के पास गठबंधन का एक और मौका मिलेगा. दूसरी तरफ बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक करियर पर विराम लग सकता है. उन नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी संकट खड़ा हो जाएगा जो बीजेपी के टिकट पर चुनाव में उतरे हैं. अगर चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं की जीत होती है तो राज्य से बीजेपी सत्ता से बाहर निकल जाएगा. बीजेपी को शिकस्त मिलने का मतलब है कि राज्य में कर्नाटक में येदियुरप्पा के बजाए सिद्धारमैया और मजबूत हो जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः निर्भया के दोषियों को सात साल बाद 16 दिसंबर को दी जा सकती है फांसी

3. अंतिम विकल्प राष्ट्रपति शासन
एक संभावना यह भी बनी हुई है कि बीजेपी राज्य में छह सीटें न जीत पाए. ऐसे में राजनीतिक अनिश्चितता फिर बढ़ेगी जिसके बाद जेडीएस और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे देखने को मिल सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो जेडीएस बीजेपी के साथ ही जा सकती है. या तो वह बीजेपी को बाहर से समर्थन दे या फिर सरकार में शामिल हो सकती है. अगर बीजेपी ने जेडीएस से समर्थन को ठुकराया तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है.

HIGHLIGHTS

  • कर्नाटक में 15 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे राज्य की सियासत के लिए अहम
  • नतीजे तय करेंगे कि बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं
  • बीजेपी को सत्ता में बन रहने के लिए 15 में से कम से कम 6 सीटों पर जीतना जरूरी
  • बीजेपी ने अयोग्य ठहराए गए जेडीएस-कांग्रेस के 13 विधायकों को दिया था टिकट

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

BJP congress JDS karnataka by election CM BS Yedurappa
Advertisment
Advertisment