कर्नाटक में शनिवार को मैसूर के पूर्व शासक टीपू सुल्तान की 269वीं जयंती मनाई गई, लेकिन कार्यक्रम में एक व्यक्ति, जिनकी अनुपस्थिति साफ नजर आई वह थे मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी. उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर जो राजकीय उत्सव का उद्घाटन करने वाले थे, वह भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. निरंकुश शासक टीपू की स्मृति में विधान सौध के उत्सव के भारतीय जनता पार्टी के विरोध को लेकर सुरक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. समारोह की अध्यक्षता जल संसाधन मंत्री और कांग्रेस नेता डी. के. शिवकुमार ने की.
समारोह में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान और संस्कृति मंत्री जयमाला ने भी हिस्सा लिया. दोनों कांग्रेस पार्टी के नेता हैं. हालांकि, राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम से गठबंधन में सहयोगी पार्टी जनता जद-सेक्युलर (JDS) ने किनारा किया.
वहीं समारोह में शामिल न होने पर कांग्रेस नेता तनवीर सेट ने राज्य की सहयोगी पार्टी जेडीएस पर समुदाय का अपमान किया है.
उन्होंने कहा,' मुझे मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य कारणों से कर्नाटक के सीएम कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए, वहीं डिप्टी सीएम भी कुछ निजी कारणों से शामिल नहीं हो पाए. उनके इस रवैये से साफ लगता है कि यह जानबूझकर समुदाय का अपमान करने के लिए किया गया है.'
I have information that Karnataka CM HD Kumaraswamy couldn't attend the #TipuJayanti celebrations due to health issues. Deputy CM G Parameshwara also couldn't attend. Somewhere it seems like it's an insult to the community. There's no doubt about it: Congress MLA Tanveer Sait. pic.twitter.com/zzxxVegwMA
— ANI (@ANI) November 10, 2018
उनके बयान पर सफाई देते हुए मंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में शामिल न हो पाने के अपने कारण हैं. इसे बिल्कुल भी समुदाय के अपमान की तरह नहीं देखना चाहिए. मैं अपने मित्र सेट के बयान को खारिज करता हूं, उन्हें गलतफहमी हुई है.
दरअसल, आधिकारिक तौर पर आमंत्रित अतिथियों की सूची में कुमारस्वामी का नाम मौजूद नहीं था. हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि वह चिकित्सक की सलाह पर तीन दिन से विश्राम कर रहे थे.
कुमारस्वामी के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि सरकार टीपू सुल्तान की जयंती नहीं मना रही है, लेकिन प्रशासन में टीपू के प्रगतिशील कदम और उनके नवाचारी कार्य प्रशंसनीय है.
एक बयान में कहा गया- 'मुख्यमंत्री चिकित्सक की सलाह पर विश्राम कर रहे हैं इसलिए वह कार्यक्रम में हिस्सा लेने से असमर्थ हैं. हालांकि यह बात सच्चाई परे है कि उनको सत्ता गंवाने का खतरा है.'
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अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खान ने संवाददाताओं को बताया, 'परमेश्वर का पहले से ही सिंगापुर दौरा तय था.'
(IANS इनपुटस के साथ)
Source : News Nation Bureau