कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अजित पवार को नसीहत देते हुए कहा है कि वो अपने राजनीतिक फायदे के लिए भाषा, जमीन का इस्तेमाल न करें. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए भाषा और सीमा मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं. वो ऐसा न करें, क्योंकि कर्नाटक अपनी एक इंच भी जमीन महाराष्ट्र को नहीं देने वाला. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कई कन्नड़ भाषी क्षेत्र महाराष्ट्र में पड़ते हैं, ऐसे में उन्हें कर्नाटक में शामिल किया जाना चाहिए.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि महाराष्ट्र में फिलहाल एक राजनीतिक संकट है. उनकी पूरी सरकार दबाव में है इसलिए वे भाषा और सीमा का मुद्दे उठाते हैं. अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाये रखने के लिए वे ऐसा करते हैं. बता दें कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा था कि वे पड़ोसी राज्य कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले मराठी भाषी लोगों के संघर्ष का समर्थन करना जारी रखेंगे ताकि ऐसे इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल किया जा सके. बोम्मई अजित पवार के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे
कर्नाटक विधानसभा में भी उन्होंने कहा था कि कर्नाटक की सीमा का एक इंच भी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता. अगर महाराष्ट्र के कुछ हिस्से कन्नड़ राज्य में शामिल होना चाहते हैं और इस संबंध में प्रस्ताव पारित होना चाहिये, तो उनकी सरकार इसके लिए तैयार है. बोम्मई ने कहा कि सरकार का स्पष्ट रूख है कि सीमा मुद्दे पर महाजन रिपोर्ट अंतिम है, फिर भी कुछ व्यक्ति और संगठन बार-बार शांति भंग कर रहे हैं और यह निंदनीय है. यह सदन सर्वसम्मति से इस तरह के कृत्यों की निंदा करता है और इसमें शामिल बदमाशों को दंडित करने का फैसला करता है. कर्नाटक सरकार दोनों राज्यों (महाराष्ट्र के साथ) के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध चाहती है. (इनपुट-भाषा से)
HIGHLIGHTS
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री का बयान
- महाराष्ट्र को नहीं देंगे एक इंच जमीन
- महाजन समिति की रिपोर्ट आखिरी
Source : News Nation Bureau