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कर्नाटक सरकार ने सांप्रदायिक दंगों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ केस वापस लेने का किया फैसला

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पिछले 5 सालों में हुए सांप्रदायिक दंगो में शामिल सभी आरोपियों के लिए 'अल्पसंख्यक' शब्द को हटाने का फ़ैसला किया है।

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Deepak Kumar
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कर्नाटक सरकार ने सांप्रदायिक दंगों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ केस वापस लेने का किया फैसला

सिद्धारमैया, कर्नाटक के मुख्यमंत्री (पीटीआई)

कर्नाटक सरकार ने एक ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए सांप्रदायिक दंगों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया है।

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पिछले 5 सालों में हुए सांप्रदायिक दंगो में शामिल सभी आरोपियों के लिए 'अल्पसंख्यक' शब्द को हटाने का फ़ैसला किया है।

नए सर्कुलर के मुताबिक अब 'अल्पसंख्यक' शब्द की जगह 'निर्दोष' शब्द का प्रयोग किया जाएगा।

इसका मतलब साफ़ है कि पिछले 5 सालों के दौरान वैसे लोग जिनपर सांप्रदायिक दंगो में शामिल होने का आरोप लगा था वो सभी आरोप मुक्त कर दिए जाएंगे।

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कर्नाटक के गृहमंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि हमलोग पक्षपात नहीं करते हैं। पिछले तीन साल के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगो के लगभग 400 मामलों को वापस लिया है। इन मामलों में 2800 हिंदू और 301 मुस्लिम पर केस चल रहा था।

इससे पहले रेड्डी ने कहा था कि अब तक हुए दंगों में हिंदुओं से ज्यादा मुस्लिमों की गिरफ्तारियां हुई है। उन्होंने कहा, 'सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में हम कोई भेदभाव नहीं करते हैं। पिछले 3 साल में हुए दंगों में कुल 1254 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2013 से 2017 के बीच हुए दंगों में कुल 670 मुस्लिमों की गिरफ्तारी हुई, जबकि हिंदुओं की संख्या 578 है। वहीं इस मामले में 6 ईसाईयों की भी गिरफ्तारी हुई।'

हालांकि रविवार को कर्नाटक के गृहमंत्री ने सफ़ाई देते हुए कहा, 'नोटिस में कुछ गड़बड़ी थी, दरअसल पिछले तीन साल के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगो के लगभग 400 मामलों को वापस लिया है। इन मामलों में 2800 हिंदू और 301 मुस्लिम पर केस चल रहा था। हमलोग पक्षपात नहीं करते हैं।' 

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इस संबंध में 26 जनवरी को ही कर्नाटक की डीजीपी नीलमणि एन राजू ने एक सर्कुलर जारी किया। इस सर्कुलर के तहत राज्य में अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज सांप्रदायिक हिंसा के सभी केस वापस लिए जाएंगे।

बता दें कि यह सर्कुलर केवल पिछले पांच सालों के दौरान दर्ज़ हुए केसों पर ही लागू होगा। सरकार का कहना है कि उन्होंने युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह क़दम उठाया है।

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पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस के बीच लगातार ज़ुबानी जंग जारी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हिंदू विरोधी बताया था तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी, संघ और बजरंग दल के लोगों को हिंदू आतंकवादी करार दे दिया था।

कर्नाटक में अगले महीने चुनाव होने वाला है। ऐसे में राज्य की कांग्रेस सरकार के इस फ़ैसले के बाद एक बार फिर से बीजेपी को निशाना साधने का मौक़ा मिल गया है। 

कर्नाटक में अगले महीने चुनाव होने वाला है। फिलहाल कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारमैया यहां के मुख्यमंत्री है। साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 223 सीट में से 121 सीट मिली थी।

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Source : News Nation Bureau

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