Supreme Court: जस्टिस प्रसन्ना बी वराले सुप्रीम कोर्ट के साथ जुड़ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. इस शपथ कार्यक्रम का आयोजन 25 जनवरी दिन गुरुवार दिल्ली में किया गया था. आपको बता दें कि जस्टिस प्रसन्ना वराले वर्तमान समय में कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे. जस्ंटिस वराले के पद संभालने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. इसमें चीफ जस्टिस का भी नाम शामिल है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय कौल के रिटायरमेंट के बाद एक जज का पद खाली था.
जस्टिस प्रसन्ना बी वराले ने ली पद और गोपनियता की शपथ
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले ने गुरुवार 25 जनवरी को दिल्ली में पद और गोपनीयता की शपथ ली. ये शपथ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने दिलाई. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय कृष्णा कौल के रिटारयमेंट के बाद से ही पद खाली पड़ा हुआ था. जस्टिस वराले की सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति की घोषणा कानून और विधि मंत्रालय ने बुधवार को ही कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने की थी सिफारिश
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 19 जनवरी को ही जस्टिस वराले की नियुक्ति को लेकर सिफारिश की थी. आपको बता दें कि जस्टिस प्रसन्ना कर्नाटक हाईकोर्ट से पहले वो बॉम्बे हाईकोर्ट में नियुक्त थे. यहां वो 2008 से ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जानकारी के अनुसार कॉलेजियम ने नाम की सिफारिश करने से पहले इनके पुराने ट्रैक रिकॉर्ड और अनुभव को देखा गया. जस्टिस प्रसन्ना अनुसूचित जाति के सबसे सीनियर जज है इसके साथ ही देश के एकलौते हाईकोर्ट चीफ जस्टिस है जो इस समुदाय से आते हैं.
वर्तमान समय में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस सुर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस कॉलेजियम सिस्टम में शामिल हैं. ये पहली बार होगा जब सुप्रीम कोर्ट 3 जज एससी कम्यूनिटी के होंगे. उनके अलावा जस्टिस गवई और सीटी रविकुमार है.
कौन हैं जस्टिस प्रसन्ना बी वराले
जानकारी के अनुसार जस्टिस प्रसन्ना का जन्म 23 जून 1962 को कर्नाटक में हुआ था. उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर मराठवाड़ा युनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. इसके बाद साल 1985 में वकील के रुप में इनरॉल हुए. साल 2008 में वो बॉम्बे हाइकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में कार्यभार संभाला. इसके तीन साल बाद ही उनकी नियुक्ति पर्मानेंट कर दी गई.
Source : News Nation Bureau