Twitter India के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी (Twitter India Managing Director Manish Maheshwri) के मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी. इस याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट 20 जुलाई को फैसला सुनाएगा. ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के हेड मनीष माहेश्वरी ने एक वीडियो मामले में गाजियाबाद पुलिस की CRPC की धारा 41 A के तहत जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी है. इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई की है. इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने याचिका पर फैसले की तारीख 13 जुलाई को रखी थी. परन्तु कर्नाटक हाई कोर्ट ने अब इस याचिका पर फैसला को 20 जुलाई तक सुरक्षित रख लिया है.
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सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 160 को अलग-अलग नहीं पढ़ा जा सकता है लेकिन धारा 161 के साथ मिलकर पढ़ा जाना चाहिए. वे तीनों आधार जो उनका दावा करते हैं कि इस अदालत के पास मामले की सुनवाई के लिए क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र है, उनके लिए उपलब्ध नहीं हैं.
क्या है मामला
गाजियाबाद के लोनी जिले में बुजुर्ग के साथ हुई अभद्रता के साथ वीडियो वायरल केस में टि्वटर इंडिया (Twitter India) के एमडी मनीष माहेश्वरी (Manish Maheshwri) ने कोर्ट का रुख किया था. उन्हें मामले की पूछताछ के लिए गाजियाबाद पुलिस के सामने पेश होना था. लेकिन मनीष ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी.
इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील एक वीडियो जारी होने के मामले में ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को आगाह किया था कि अगर वह 24 जून को उसके समक्ष पेश नहीं हुए और जांच में शामिल नहीं हुए तो इसे जांच में बाधा के समान माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है.
ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक (Twitter Indian Managing Director) मनीष माहेश्वरी को गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने दूसरा नोटिस जारी करके आगाह किया था कि उनके पेश नहीं होने की सूरत में उनके खिलाफ जांच को बाधित करने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा. हालांकि अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस को निर्देश दिया है वह उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए.
HIGHLIGHTS
सीआरपीसी की धारा 160 को अलग-अलग नहीं पढ़ा जा सकता
फैसला 20 जुलाई तक सुरक्षित
बुजुर्ग के साथ हुई अभद्रता के वीडियो वायरल का केस