एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कर्नाटक के हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति दे दी है. यह फैसला वक्फ बोर्ड द्वारा अपनी जमीन पर अन्य धर्मों के उत्सव और जुलूस पर आपत्ति जताए जाने के बाद आया है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अंजुमन ई इस्लाम द्वारा हुबली धारवाड़ निगम के खिलाफ ईदगाह मैदान में भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित करने की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिस पर विवाद चल रहा था.
याचिकाकर्ता ने हुबली-धारवाड़ के मेयर द्वारा गठित समिति को चुनौती दी थी. हुबली धारवाड़ निगम को भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की अनुमति देने की अनुमति दी गई थी. धारवाड़ बेंच के जज ने अपने फैसले में कहा था कि साल में सिर्फ दो बार यानी रमजान ईद और बकरी ईद के त्योहारों पर अंजुमन ए इस्लाम के कब्जे में जमीन होगी. शेष 363 दिनों तक जमीन हुबली धारवाड़ नगर निगम के कब्जे और स्वामित्व में रहेगी. इसलिए, नागरिक निकाय के पास पार्टियों को क्षेत्र देने का अधिकार है.
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सोमवार को मेयर इरेश अंचतागेरी ने घोषणा की कि ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी का उत्सव आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी. कहा जा रहा है कि मंगलवार को उत्सव के तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा. सूत्रों ने पुष्टि की कि जिला आयुक्त अनुरोध याचिका पर निर्णय लेने के लिए तैयार हैं और उन्हें यह तय करने का अधिकार दिया गया है कि उत्सव का आयोजन कौन करेगा. कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति देने के बाद यह फैसला आया. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.