कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-सेक्यूलर (जेडी-एस) के 15 बागी विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा में सोमवार को शक्ति परीक्षण करने का आदेश देने की मांग करते हुए रविवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की. याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की.
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प्रदेश के 15 बागी और दो निर्दलीय विधायकों ने अपनी संयुक्त याचिका में कहा, "हम मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा 18 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर 22 जुलाई को शाम पांच बजे से पहले शक्ति परीक्षण करने का निर्देश देने की मांग करते हैं. सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता दिशा राय द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री या गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस और जेडी-एस कुछ और बहाना बनाकर शक्ति-परीक्षण टालने की कोशिश करेंगे.
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याचिका के अनुसार, "ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं."
HIGHLIGHTS
- बागी विधायकों ने शक्ति परीक्षण करने का मांगा आदेश
- सर्वोच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की
- सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की