कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार की ओर से अयोग्य ठहराए गए 14 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर के फैसले को चुनौती दी है. बता दें कि रमेश कुमार ने 14 बागी विधायकों अयोग्य घोषित किया था जिसमें 11 कांग्रेस के और 3 जेडीएस के विधायक थे. के आर रमेश कुमार पर दबाव बना कि 14+3=17 विधायकों को अयोग्य करार देने से राज्य में बीजेपी की सरकार आसानी से बन गई. इसी कारण स्पीकर ने अपना इस्तीफा दे दिया.
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कांग्रेस ने मंगलवार को कर्नाटक के 14 बागी विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कसित कर दिया. इन विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष केआर रमेश ने अयोग्य ठहराया था. कांग्रेस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की गई थी.
निष्कासित विधायकों में प्रताप गौड़ा पाटील, बी.सी. पाटील, शिवराम हेब्बर, एस.टी. सोमशेखर, बिराती बसवराज, आनंद सिंह, आर. रोशन बेग, मुनिरत्ना, के. सुधाकर, एम.टी.बी. नागराज, श्रीमंत पाटील, रमेश जरकीहोली, महेश कुमाताहल्ली और आर. शंकर शामिल हैं. विधानसभा में बी.एस. येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस और जनता दल-सेकुलर के 14 बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था, क्योंकि इन सभी ने 23 जुलाई को सदन में उपस्थित रहने के लिए पार्टी की तरफ से जारी व्हिप का उल्लंघन किया था.
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कांग्रेस के तीन बागी विधायकों जरकीहोली, कुमाताहल्ली और आर. शंकर- को विधानसभा में उपस्थित होने और प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने के लिए पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने पर 25 जुलाई को अयोग्य ठहरा दिया गया था.