कर्नाटक में टीपू सुल्तान जयंती के मद्देनजर एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई है. 10 नवंबर को टीपू जयंती को लेकर राज्य के कोडागु जिले में धारा 144 लगा दी गई है. इसके तहक किसी इलाके में एक साथ 4 लोगों से ज्यादा इकट्ठा नहीं रह सकते. कोडागु के अलावा हुबली और धारवाड़ में भी धारा 144 लगाई गई है जहां 10 नवंबर सुबह 6 बजे से 11 नवंबर को सुबह 7 बजे तक यह लागू होगा. बता दें कि टीपू जयंती मनाने का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कई दक्षिणपंथी संगठन इस समारोह का विरोध कर रहे हैं.
हाल ही में केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने भी टीपू जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर नाराजगी जताई थी. अनंत ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि लोगों के विरोध के बावजूद राज्य 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने जा रहा है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा था कि आप मुझे इसमें न आमंत्रित करें तो बेहतर होगा.
हेगड़े की और से पत्र में लिखा गया है कि, 'लोग टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का विरोध कर रहे हैं, इसके बावजूद राज्य 10 नवंबर को उनकी जयंती मनाएगा. मैं सरकार के इस कदम की निंदा करता हूं. मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मेरा नाम (अनंत कु हेगड़े) आमंत्रित लोगों की सूची में न शामिल करें.'
बता दें कि सत्तारूढ़ कांग्रेस वर्ष 2015 से 10 नवंबर को 18वीं शताब्दी के मैसूर शासक को देशभक्त के रूप में सम्मान देने और क्षेत्र के लोगों के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान को याद करने के लिए उनकी जयंती मनाती आ रही है.
मैसूर के शासक हैदर अली के बड़े पुत्र टीपू (1750-1799) को अपने राज्य को बढ़ाने और इसकी रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए 'मैसूर के बाघ' के रूप में जाना जाता है. वर्ष 1799 में मैसूर के समीप श्रीरंगपट्टनम में अपने किले की रक्षा करने के दौरान अंग्रेजों से लड़ते हुए उनकी मौत हो गई थी.
शनिवार को टीपू सुल्तान की 268वीं जयंती मनाई जाएगी. साल 2015 में कोडागु जिले में ही विरोध प्रदर्शन में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन हमेशा से टीपू की जयंती को मनाने का विरोध करते आए हैं.
Source : News Nation Bureau