ज्ञानयोगाश्रम विजयपुर के अध्यात्मिक नेता सिद्धेश्वर स्वामी ने देश के चौथे सबसे सम्मानित नागिरक पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फ़ैसला किया है।
सिद्धेश्वर स्वामी ने इस संबंध में पीएम मोदी को एक ख़त लिखते हुए कहा है कि संन्यासी होने के नाते मुझे अवॉर्ड्स लेने में दिलचस्पी नहीं है।
बता दें कि गुरुवार को ही पद्म अवॉर्ड की घोषणा की गई थी, सिद्धेश्वर स्वामीजी को अध्यात्म के क्षेत्र में यह अवॉर्ड दिया गया था।
उन्होंने ख़त में लिखा, 'मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस सम्मानित पद्मश्री अवॉर्ड के लिए मुझे चुना है। लेकिन मैं आपका और सरकार का सम्मान करते हुए यह कहना चाहता हूं कि मुझे यह सम्मान लेने में कोई रुची नहीं है। एक संन्यासी होने के नाते मैं अवॉर्ड लेने में थोड़ा कम इच्छुक हूं। मुझे उम्मीद है कि पीएम उनके इस सम्मानित अवॉर्ड नहीं लेने के फैसले का समर्थन करेंगे।'
इससे पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में साफ़ करते हुए कहा कि मैंने पूर्व में भी कोई पुरस्कार स्वीकार नहीं किया है। कनार्टक विश्वविद्यालय ने कुछ वर्ष पूर्व मुझे मानद उपाधि प्रदान की थी। उसे मैंने सम्मान के साथ लौटा दिया था।
इस बार 85 लोगों को पद्म अवॉर्ड दिया गया। इसमें से तीन लोगों को पद्म विभूषण, नौ लोगों को पद्म भूषण और 73 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
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Source : News Nation Bureau