भारत पाकिस्तान के बच हुए समझौते के बाद करतारपुर कॉरिडोर की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. कल से ये कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा. इसका उद्घाटन खुद भारत के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदा और पाकिस्तान के प्रधामंत्री इमरान खान करेंगे. दरअसल इस साल गुरु नानक की 550वीं जंयती मनाई जाएही. इस खास मौके पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में विशेष आयोजन होंगे. भारत से रवाना श्रद्धालुओं का जत्था भी करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में गुरु नानक देव की 550वीं जंयती मनाएगा. यही वजह है कि गुरु नानक की जयंती से पहले ही करतारपुर कॉरिडोर को पूरी तरह तैयार कर इसका उद्घाटन किया जा रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं करतारपुर कॉjfडोर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच क्या समझौते हुए हैं-
करतारपुर कॉरिडोर समझौते में क्या है?
समझौते के मुताबिक इस यात्रा के लिए किसी भी भारतीय को वीजा की जरूरत नहीं होगी. यात्रियों के लिए पासपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉराइजेशन जरूरी होगा. करतारपुर कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा. भारतीय विदेश मंत्रालय को श्रद्धालुओं की लिस्ट दस दिन पहले देनी होगी. हर श्रद्धालु को करतारपुर जाने के लिए 20 डॉलर की फीस देनी होगी. एक दिन में 5,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकेंगे. अभी अस्थाई पुल का इस्तेमाल होगा, बाद में स्थाई पुल बनाया जाएगा. श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. मेल और मैसेज के जरिये चार दिन पहले कन्फर्मेशन की जानकारी दी जाएगी.
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बता दें, करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने शनिवार से हर रोज करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गुरुवार को 100 सदस्यों वाला विशेष ‘पर्यटन पुलिस बल’ तैनात किया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शनिवार को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद भारतीय श्रद्धालु प्रतिदिन के आधार पर यहां आएंगे. गलियारे की सुरक्षा का जिम्मा पाकिस्तानी रेजरों पर है और पंजाब पुलिस उनके साथ समन्वय करेगी.
एक अधिकारी ने बताया, ‘पूरी तरह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेंजरों ने शनिवार को इसके उद्घाटन से पहले और कर्मियों को तैनात किया है.’ उन्होंने बताया कि आने वाले सिख श्रद्धालु केवल गुरुद्वारा दरबार साहिब तक ही जाएंगे और रेंजर एवं पुलिस गलियारे तथा गुरुद्वारे के भीतर और आस पास के क्षेत्र में पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर भी कह चुके हैं कि दरबार साहिब आने वाले किसी भी भारतीय श्रद्धालु को निर्धारित क्षेत्र के अलावा ‘एक इंच’ भी बढ़ने नहीं दिया जाएगा.
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इस बीच पाकिस्तान सरकार के विभिन्न विभागों ने शनिवार दोपहर गलियारे के शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए यहां बृहस्पतिवार को बैठकें की. देश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों की देखभाल करने वाले शरणार्थी न्यास संपत्ति बोर्ड के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने भाषा से कहा, ‘‘गलियारे के शुरू होने के अवसर पर आने वाले सिख श्रद्धालुओं तथा अन्य अतिथियों के स्वागत की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. हमने सुनिश्चित किया है कि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत नहीं हो और वे इसे यादगार यात्रा के तौर पर याद रखें.’’