करतारपुर कॉरिडोर से होकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाने वाले यात्री अब बिना वीजा के यात्रा कर सकेंगे. भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस पर अपनी सहमति जता दी है. करतारपुर कॉरिडोर हर रोज कुल 5 हजार यात्री ही गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे, हालांकि खास दिनों पर ये संख्या बढ़ाई भी जा सकती है. वहीं दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान मसौदा समझौते को अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत चाहता है कि भारतीय श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क न लिया जाए और प्रोटोकोल अधिकारी भी श्रद्धालुओं के साथ जाएं जबकि पाकिस्तान लगातार इससे इनकार कर रहा है. दोनों देशों के बीच करार न होने की बड़ी वजह यही मानी जा रही है.
इसके अलावा अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय सीमा में हुई वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान के बयानों में फर्क दिखा है. भारत ने कहा है कि कुछ खास मुद्दों पर सहमति नहीं बनने की वजह से करार नहीं हो सका, जबकि पाकिस्तान ने कहा है कि दो-तीन मुद्दों को छोड़कर कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है. हालांकि, इन मुद्दों पर उसने कुछ नहीं कहा.
यह भी पढ़ें: आईएनएक्स मीडिया मामले में आज पी चिदंबरम को लेकर सुप्रीम कोर्ट देगा अहम फैसला
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के बाद वाघा पर मीडिया से कहा कि बाबा गुरु नानक की जयंती पर सिख यात्रियों के लिए पाकिस्तान कॉरिडोर खोल देगा. भारत की तरफ काम पूरा नहीं हुआ तो उसके लिए वही जिम्मेदार होगा. पाकिस्तान ने भारत के डोजियर के जवाब में डोजियर सौंप दिया है. भारत लचीलापन दिखाए तो सभी मामले हल हो जाएंगे.
यह भी पढ़ें: कौन है दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उमंग सिंघार के साथ, यह जानकर हैरान रह जाएंगे
उन्होंने कहा कि कश्मीर पर तनाव के बावजूद दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत बहुत अच्छी रही जो पूरी तरह करतारपुर कॉरिडोर से संबंधित थी. दो-तीन बिंदुओं को छोड़कर बाकी पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि पांच हजार सिख यात्रियों के आने पर रजामंदी दी गई है, लेकिन अगर इससे अधिक भी यात्री हुए तो पाकिस्तान उनका स्वागत करेगा.