भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान स्थित पवित्र सिख गुरुद्वारे के दर्शन के लिए निर्मित बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर परियोजना के इस माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है और तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण रविवार से शुरू होगा. लैंड पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई) के अध्यक्ष गोविंद मोहन ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक में निर्माण स्थल में ग्राउंड जीरे से आईएएनएस से कार्य पूरा होने की पुष्टि की.
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मोहन ने कहा, "4.2 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से एक सप्ताह पहले 31 अक्टूबर तक हो जाएगा." करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है, जोकि डेरा बाबा नानक के समीप सीमा से 4.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह गुरुद्वारा सिखों के लिए काफी पवित्र है, क्योंकि गुरु नानक देव ने अपने जीवन के 18 साल और अपना अंतिम समय भी यहीं बिताया था.
मोहन ने कहा कि श्रद्धालु 20 अक्टूबर से हाल ही में लांच वेबसाइट के जरिए ऐतिहासिक गुरुद्वारा जाने के लिए ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं. गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव का भी कार्यभार संभालने वाले मोहन ने कहा, "हमें भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. 20 अक्टूबर से, श्रद्धालु ऑनलाइन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं."
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उन्होंने कहा करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए पासपोर्ट होना अनिवार्य है. एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वीजा की जरूरत नहीं है, लेकिन गुरुद्वारा जाने वाले लोगों को कम से कम एक माह पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. कॉरिडोर के 8 नवंबर को उद्घाटन की संभावना है और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के दिन करतारपुर साहिब जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे.
प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ सभी 117 विधायक, पंजाब से लोकसभा और राज्यसभा सांसद, शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति(एसजीपीसी) के सदस्य और संत समाज के सदस्य और राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. एलपीएआई प्रमुख ने कहा कि प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु गुरुद्वारा जा सकते हैं और वे उसी दिन वापस आ जाएंगे.
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इसे स्पष्ट करते हुए मोहन ने कहा कि श्रद्धालुओं को भारतीय सीमा पार करने वाले दिन ही करतारपुर तीर्थस्थल का दर्शन करके वापस आना होगा. पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल करने वाले सभी श्रद्धालुओं से 20 डॉलर सेवा शुल्क वसूलने पर, मोहन ने कहा कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी इस मामले को सुलझाने के लिए अपने पाकिस्तानी समकक्षों से बात कर रहे हैं.